Finance Minsiter Nirmala Sitharaman: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार (29 मई) को दो हजार रुपये के नोटों को वापस लेने पर कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बयान की आलोचना की. सीतारमण कहा कि इस तरह के मामलों में पूर्व वित्त मंत्री को हमपर दोष लगाना अच्छा नहीं लगता.
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण नरेंद्र मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर मुंबई में एक प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया से बात कर रही थीं. इससे पहले पी चिदंबरम ने सोमवार को कहा था कि दो हजार रुपये का नोट जारी करने और बाद में इसे वापस लेने से भारतीय मुद्रा की अखंडता और स्थिरता पर संदेह पैदा हुआ है.
अर्थव्यवस्था बढ़ने के कम आसार
उन्होंने यह भी कहा कि प्रमुख आर्थिक संकेतक नीचे की ओर इशारा कर रहे हैं और इस बात का भरोसा कम है कि अर्थव्यवस्था उच्च वृद्धि के रास्ते पर पहुंच जाएगी. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में 2000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी और लोगों से इसे 30 सितंबर तक बैंकों में जमा करने या बदलने के लिए कहा.
संदेह करना पूर्व वित्त मंत्री के लिए अच्छा नहीं
चिदंबरम की टिप्पणियों के बारे में पूछने पर सीतारमण ने कहा, "इस प्रकार के मामलों में मुद्रा, केंद्रीय बैंक के फैसले पर संदेह करना पूर्व वित्त मंत्री के लिए अच्छा नहीं है, जो इस मंत्रालय में रह चुके हैं." उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि हम सभी के लिए यह बेहतर होगा कि हम स्थिति को समझें और जिस कार्यालय में वह रह चुके हैं, उसके बारे में उचित टिप्पणी करें और राय देते समय हल्की बात न करें."
केंद्रीय मंत्री सीतारमण ने कहा, 2000 रुपये के नोट पर फैसला आरबीआई का था. जब नोटबंदी हुई थी तो लोगों को पैसे उपलब्ध कराने के लिए 2000 का नोट लाया गया था. अब क्लीन करंसी की पॉलिसी के तहत 2000 के नोट वापस लिए जा रहे हैं. कांग्रेस तो अपने समय जब संसद में सवाल पूछे जाते तो, जवाब नहीं देते थे.
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