तेजाब हत्याकांड: पटना हाईकोर्ट से RJD के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को झटका, उम्रकैद की सजा बरकरार
13 साल पहले एक निमार्णाधीन मकान को लेकर हुए विवाद के बाद सिवान निवासी व्यवसायी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदाबाबू के दो बेटों गिरीश और सतीश का अपहरण करके तेजाब से नहलाकर उनकी हत्या कर दी गई थी.
पटना: पटना हाई कोर्ट ने साल 2004 के बहुचर्चित तेजाब कांड मामले में आरजेडी के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की उम्रकैद की सजा आज बरकरार रखी. जस्टिस केके मंडल और जस्टिस संजय कुमार ने सिवान की एक स्पेशल कोर्ट ने फैसले के खिलाफ शहाबुद्दीन की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी.
13 साल पहले एक निमार्णाधीन मकान को लेकर हुए विवाद के बाद सिवान निवासी व्यवसायी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदाबाबू के दो बेटों गिरीश और सतीश का अपहरण करके तेजाब से नहलाकर उनकी हत्या कर दी गई थी. गिरीश और सतीश के बड़े भाई राजीव रौशन ने 6 जून 2011 को कोर्ट में खुद को इस घटना का चश्मदीद गवाह बताते हुए स्पेशल कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया था.
राजीव ने खुलासा किया था कि उसके दो भाइयों का ही नहीं बल्कि उसे भी उनके साथ अपहरण किया गया था और उनके दोनों भाइयों की हत्या उसकी आंखों के सामने पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के पैतृक गांव प्रतापपुर में तेजाब से नहलाकर की गई थी. चश्मदीद ने यह भी बयान दिया था कि वह किसी तरह वहां से जान बचाकर भागा था और गोरखपुर में लुक छिपकर अपना गुजर-बसर कर रहा था.
राजीव की 16 जून 2014 को सिवान में डीएवी मोड़ पर ओवरब्रिज के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में चंदाबाबू की ओर से मोहम्मद शहाबुद्दीन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराए जाने पर सिवान की एक स्पेशल कोर्ट ने 2015 में शहाबुद्दीन को आजीवन करावास की सजा सुनायी थी.
शहाबुद्दीन को बीते फरवरी महीने में सिवान जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल ट्रांस्फर कर दिया गया था.