Nithari Killings: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार (16 अक्टूबर 2023) को नोएडा के बहुचर्चित निठारी मामले में मुख्य अभियुक्त सुरेंद्र कोली को राहत देते हुए बरी कर दिया. इसके साथ ही सह अभियुक्त मोनिंदर सिंह पंढेर को भी दो मामलों में हाई कोर्ट ने बरी कर दिया. इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस फैसले से दोनों को फांसी की सजा देने के आदेश पर रोक लग गई. हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में दोनों अभियुक्तों को बरी किया.


सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को ट्रायल कोर्ट ने हत्या और बलात्कार के आरोपों में फांसी की सजा सुनाई थी. पंढेर और कोली ने गाजियाबाद की सीबीआई अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष उचित संदेह से परे अपने मामले को सिद्ध करने में विफल रहा. आइए जानते हैं कि नोएडा के निठारी कांड से जुड़े तमाम सवालों के जवाब...


शवों से रेप करता था आरोपी
इस मामले की जांच के दौरान आरोपी कोली के ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट किए गए. टेस्ट के दौरान उसने कहा कि सभी मौतें गला घोंटने से हुई थीं. शवों को अपने निजी शौचालय में ले जाने और उनके टुकड़े-टुकड़े करने से पहले वह उनके साथ बलात्कार करता था.


मानव मांस खाया
निठारी का सनसनीखेज मामला उस समय सामने आया था, जब 29 दिसंबर, 2006 को नोएडा के निठारी में पंढेर के मकान के पीछे ड्रेन में आठ बच्चों के कंकाल पाए गए. कई मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, सुरेंद्र कोली पर पीड़ितों के शरीर के अंगों को खाने के आरोप भी लगे.


19 महिलाओं-बच्चों से बलात्कार और हत्या का आरोप
मोनिंदर सिंह पंढेर के मकान के पास से बरामद किए गए मानव अवशेषों के आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं कई मामले दर्ज किए गए थे. कोली और पंढेर पर 19 महिलाओं-बच्चों से बलात्कार और हत्या का आरोप लगा था.


14 साल से फांसी की सजा झेल रहे सुरेंद्र-मोनिंदर बरी
13 फरवरी 2009 को सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने बलात्कार और हत्या के आरोपों में दोषी मानकर फांसी की सजा सुनाई. 


2006 में खुला था मामला
2005 और 2006 के बीच नोएडा में निठारी कांड की आहट सुनाई दी. इन दो सालों में कई बच्चे और महिलाओं के गायब होने की खबरें आती रहीं. इसी दौरान दिसंबर, 2006 में नोएडा के निठारी में एक मकान के पास नाले में मानव कंकाल पाए गए थे. 


सीबीआई ने की थी केस की जांच
मोनिंदर सिंह पंढेर इस मकान का मालिक था और सुरेंद्र कोली उसके यहां नौकरी करता था. पंढेर के मकान के आसपास के क्षेत्र में ड्रेन में तलाशी के बाद और कंकाल पाए गए. इनमें से ज्यादातर कंकाल गरीब बच्चों और युवतियों के थे, जो उस इलाके से लापता थे. दस दिनों के भीतर ही सीबीआई ने इस मामले को अपने हाथ में ले लिया. 


19 मामले हुए थे दर्ज
कोली और पंढेर के खिलाफ सीबीआई की जांच के बाद अलग-अलग धाराओं में 19 मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें रेप, कत्ल, अपहरण, सबूतों से छेड़छाड़ जैसे संगीन आरोप थे.


(इनपुट पीटीआई-भाषा से भी)


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