गुवाहाटी: 2008 के असम सीरियल ब्लास्ट मामले में सीबीआई की अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने आज नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के प्रमुख रंजन दैमारी समेत 10 को उम्रकैद की सजा सुनाई है. एनडीएफबी ने 2008 में 30 अक्टूबर को एक के बाद एक गुवाहाटी, कोकराझार, बोंगईगांव और बारपेटा में विस्फोट किए थे. इसमें 88 लोग मारे गए थे जबकि 500 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
इस मामले में 28 जनवरी को अदालत ने सभी को दोषी ठहराया था. जिन लोगों को दोषी ठहराया गया था उनमें दैमारी के अलावा जॉर्ज बोडो, बी थरई, राजू सरकार, निलिम दैमारी, अंचाई बोडो, इन्द्र ब्रह्मा, लोको बासुमतारी, खड़गेश्वर बासुमतारी, प्रभात बोडो, जयंत बोडो, अजय बासुमतारी, मृदुल गोयारी, माथुराम ब्रह्मा और राजेन गोयारी शामिल थे.
इस मामले की शुरुआती जांच असम पुलिस ने की थी. बाद में इसकी जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी गई. इस मामले में सात आरोपी अब भी फरार है. सीबीआई ने ट्रायल के दौरान 650 गवाहों को पेश किया.
रंजन दैमारी को 2010 में बांग्लादेश में गिरफ्तार किया गया था. जहां से उसे बाद में लाया गया और गुवाहटी सेंट्रल जेल में रखा गया. उसे 2013 में सशर्त जमानत मिली. सरकार ने शांति वार्ता के लिए दैमारी के जमानत पर आपत्ति नहीं जताई.