कोलकाता: बंगाल में 2021 विधानसभा चुनाव को देखते हुए नेताओं के बीच ज़मीनी स्तर पर लड़ाई जारी है. वहीं कार्यकर्ताओं के बीच में भी संघर्ष चल रहा है. इस बीच एक और जंग छिड़ गई है और वो है कॉर्पोरेट वॉर.
दरअसल, यहां प्रशांत किशोर की कंपनी आई पैक के खिलाफ मैदान पर उतर गई है नेशन विथ नमो. बीजेपी आर नॉय अन्याय जैसे जो कैंपेन बंगाल में शुरू की है, उसमें बैक एन्ड सहायता का काम कर रही है ये संस्था.
इसी बीच सूत्रों के मुताबिक विधानसभा चुनाव में कमल छाप के उम्मीदवार बनने का सपना लेकर हज़ारो नेता और कार्यकर्ता अपनी दरख्वास्त जमा कर रहे हैं. अब तक 294 सीटों के लिए 3500 के आसपास एप्लीकेशन जमा हुए हैं. मतलब एक सीट के लिए 11 प्रत्याशी. आने वाले दिनों में ये संख्या और भी बढ़ सकती है.
हालात ऐसे हैं जैसे कि कोई नौकरी के परीक्षा में होता है. लेकिन सूत्रों के मुताबिक, संख्या बढ़ने से बीजेपी के नेतृत्व चिंता में है, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस और अलग अलग पार्टियों से हर रोज़ बीजेपी में बड़े, छोटे नेता शामिल हो रहे हैं. इसमें से बहुत नेताओं को उम्मीद है कि उन्हें टिकट दी जायेगीं. ऐसे में अगर इनको टिकट मिलता है तो पहले से ही जो नेता बीजेपी में हैं वो नाराज़ हो सकते हैं. इसकी काफी संभावना है. तृणमूल कांग्रेस में भी अलग अलग गुटों के बीच कभी ऐसे ही संघर्ष हुई थी. क्योंकि सीपीएम से बहुत लोग तृणमूल में आए थे.
यही वजह है कि अभी से बीजेपी नेतृत्व इसपर गौर कर रही है कि अलग अलग सीटों पर जिनको टिकट दिया जाएगा, उनको चुनने के लिए किस मुद्दों को अहमियत दी जाएगी. जो प्रत्याशियों ने दरख़्वास्त जमा की है. प्राथमिक मॉनिटरिंग के बाद इसको आगे बढ़ा दिया जाएगा. बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व इसको देखेंगे और किसको टिकट दिया जाएगा उसपर फैसला लिया जाएगा.
अमित शाह समेत बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व प्रह्लाद पटेल, मनसुक भाई मंडिया, अर्जुन मुंडा, गजेंद्र सिंह शेखावत, नित्यानंद राय, केशव प्रसाद मौर्य जैसे नेता इस लिस्ट को परखने के बाद इसपर अंतिम फैसला लेने वाले हैं.
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