CAG Report On Train Accidents: ओडिशा ट्रेन हादसे को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार (4 जून) को बताया कि घटना के कारणों का पता चल गया है. उन्होंने कहा, "ये हादसा इंटरलॉकिंग में बदलाव के चलते हुआ है. घटना में जिम्मेदार लोगों की पहचान भी कर ली गई है और जांच रिपोर्ट जल्द सामने आ जाएगी." वहीं, दूसरी तरफ 2022 में CAG की तरफ से जारी की गई ऑडिट रिपोर्ट को देखा जाए तो इसमें रेल के पटरी से उतरने का पहले से ही जिक्र किया गया था और इसके पीछे के कारणों के बारे में भी बताया गया था.
प्राथमिकता वाले कार्यों पर रेलवे फंड से ट्रैक रेनोवेशन पर खर्च होने वाले पैसे में कमी आने को एक मुख्य कारण बताया गया है. रेलवे सुरक्षा कोष या राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष (RRSK fund) एक रिजवर्ड फंड है, जिसे पिछले पांच सालों में 2017-2018 के बाद से 1 लाख करोड़ रुपये का फंड मिला है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस फंड का अनुचित उपयोग 2017-21 के बीच ट्रेन के पटरी से उतरने के 1127 मामलों में से 289 मामलों का मुख्य कारण रहा है.
कितना घटा ट्रैक रेनोवेशन का फंड?
रिपोर्ट के अनुसार, आरआरएसके (RRSK) से प्राथमिकता वाले कार्यों पर खर्च में गिरावट के अलावा, ट्रैक रेनोवेशन कार्यों के कमी आई और पहले से आवंटित धन का भी उचित इस्तेमाल नहीं किया गया. 2017-18 में ओवरऑल एक्सपेंडिचर 81 प्रतिशत यानी 13,652 करोड़ से घटकर 2019-20 में 73 प्रतिशत यानी 11,655 करोड़ हो गया था. ट्रैक रेनोवेशन के लिए फंड 2018-19 में 9607 रुपये था, जोकि 2019-20 में घटकर 7417 करोड़ रुपये हो गया.
ट्रैक रेनोवेशन पर रिपोर्ट ने क्या कहा?
भारतीय रेलवे (IR) की कुल ट्रैक लंबाई के 1,14,907 किलोमीटर में से 4,500 किलोमीटर का सालाना रेनोवेशन किया जाना चाहिए. हालांकि, वित्तीय बाधाओं के कारण पिछले छह सालों में ट्रैक रेनोवेशन की प्रगति में लगातार गिरावट आई है, जैसा कि रिपोर्ट में कहा गया है. रेलवे पर स्टैंडिंग कमिटी (2016-17) ने पाया कि ट्रैक रेनोवेशन के लिए रखे गए लक्ष्य पूरे नहीं किए गए थे.
ये भी पढ़ें: