नई दिल्ली: कोरोना महामारी के चलते प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचा रही श्रमिक स्‍पेशल ट्रेनों में 21 बच्चों ने जन्म दिया है. फंसे हुए प्रवासी कामगारों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और छात्रों के लिए रेलवे ने एक मई से स्पेशल श्रमिक ट्रेनें चलाना शुरू किया था.


रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, एक मई से अबतक इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में कम से कम 21 बच्चों का जन्म हुआ है. इन सभी बच्चों का जन्म अलग-अलग ट्रेनों में हुआ है. रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के महानिदेशक अरुण कुमार ने बुधवार को अपने ट्वीट में लिखा था, "1 मई 2020 से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में पैदा हुए 20 बच्चों का स्वागत है. इस नए #CoronaWorld में आपका स्वागत है."


सरकार की ओर से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, विकलांगों और बुजुर्गों को अपने घर जाने की पहले प्राथमिकता दी जा रही है. दुर्भाग्य से, 16 और 17 मई को अलग-अलग ट्रेनों में सफर कर रहे तीन बेबी की प्रसव के दो घंटे बाद मौत हो गई थी.


20 लाख मजदूर अपने घर पहुंचे
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को बताया था कि भारतीय रेलवे ने एक मई से 1,565 श्रमिक ट्रेनों के माध्यम से 20 लाख से ज्यादा फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया है. अकेले उत्तर प्रदेश में 837, बिहार में 428 और मध्य प्रदेश में 100 से ज्यादा ट्रेनों का संचालन हो चुका है.


1565 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को आंध्र प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, गोवा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार जैसे विभिन्न राज्यों से चलाया गया है. रेलवे ने कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए 25 मार्च से सभी पैसेंजर, मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को निलंबित कर दिया था. आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए केवल माल और विशेष पार्सल ट्रेनें ही चलाई जा रही थी.


ये भी पढ़ें-


24 घंटे में कोरोना के 6088 मरीज बढ़े, 148 की मौत, कुल आंकड़ा 1 लाख 18 हजार के पार


रिजर्व बैंक ने पहली बार कहा- 2020-21 में नेगेटिव रह सकती है देश की GDP, पढ़ें प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें