बेंगलुरू : 21 साल की सारा ने एमबीए करना चाहती थी. लेकिन, उसकी गरीबी उसकी राह में रोड़ा बनी हुई थी. उसने बैंक के सामने लोन की गुहार लगाई लेकिन, बैंक ने भी कथित तौर पर 'गरीबी' को कारण बताते हुए लोन देने से इनकार कर दिया. उसके बाद उसने पीएम नरेंद्र मोदी का दरवाजा खटखटाया.



उम्मीद लगाकर पत्र भेजा और उसे उम्मीद से भी ज्यादा मिल गया


मोदी के पास उसने उम्मीद लगाकर पत्र भेजा और उसे उम्मीद से भी ज्यादा मिल गया. सारा ने कहा कि उसे पीएम से उम्मीद तो थी लेकिन इतनी त्वरित कार्रवाई होगी, इसका अंदाजा नहीं था. पीएम नरेंद्र मोदी ने 10 दिनों के अंदर जवाब दिया और अब उसकी एमबीए की पढ़ाई का सपना पूरा होगा.





सारा ने एजूकेशल लोन के लिए बैंक में आवेदन किया था


दरअसल, कर्नाटक के मांड्या की रहने वाली सारा ने एजूकेशल लोन के लिए बैंक में आवेदन किया था. लेकिन, सारा के अनुसार उसे बैंक ने लोन देने से मना कर दिया. कथित तौर पर बैंक ने इसका कारण यह बताया कि 'लोन का पैसा कैसे चुकाएंगी आप. आपके पिता तो चीनी मिल में केवल मजदूर हैं.'



देश के प्रधानमंत्री से मदद मिलने के बाद सारा काफी उत्साहित है


लेकिन, देश के प्रधानमंत्री से मदद मिलने के बाद सारा काफी उत्साहित है. सारा का कहना है कि 'वह आश्वस्त थी कि उसे पीएम की ओर से प्रतिक्रिया मिलेगी. लेकिन यह सब इतनी जल्दी हो जाएगा, इसकी उम्मीद नहीं थी.' सारा का सपना अब पूरा होगा और पूरा परिवार इससे बेहद खुश है.