Smart Cities: अप्रैल तक तैयार हो जाएंगे 22 स्मार्ट सिटी, जानिए कौन-कौन से शहर हैं शामिल
Smart Cities In India: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक स्मार्ट सिटी का सपना अगले महीने तक पूरा हो जाएगा. इस बात की जानकारी शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारी ने दी है.
Smart Cities Of India: स्मार्ट सिटी को लेकर भारत सरकार ने एक अच्छी खबर देते हुए कहा है कि अगले महीने अप्रैल तक 22 शहर तैयार हो जाएंगे. आगरा, वाराणसी, चेन्नई, पुणे और अहमदाबाद शहरों में अपनी सभी परियोजनाओं का काम पूरा हो जाएगा. केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मिशन के तहत चुने गए शेष 78 शहरों में चल रही परियोजनाओं को अगले तीन-चार महीनों में पूरा कर लिया जाएगा.
मंत्रालय के मुताबिक, इस मिशन का उद्देश्य शहरों को विभिन्न मुद्दों पर स्मार्ट समाधान अपनाने के अलावा मूलभूत बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराना और अपने नागरिकों को एक गुणवत्तापूर्ण जीवन और स्वच्छ एवं टिकाऊ माहौल देने के लिए प्रेरित करना है. नरेंद्र मोदी सरकार ने 25 जून, 2015 में स्मार्ट सिटी मिशन को लॉन्च किया था और साल 2016 से जून 2018 तक 4 दौर में पुनर्विकास के लिए 10 शहरों का चयन किया गया था.
इन 22 स्मार्ट सिटी का काम हो जाएगा पूरा
मार्च तक जिन 22 स्मार्ट शहरों में सभी परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी उनमें भोपाल, इंदौर, आगरा, वाराणसी, भुवनेश्वर, चेन्नई, कोयम्बटूर, इरोड, रांची, सलेम, सूरत, उदयपुर, विशाखापत्तनम, अहमदाबाद, काकीनाडा, पुणे, वेल्लोर, पिंपरी-चिंचवड़, मदुरै, अमरावती, तिरुचिरापल्ली और तंजावुर शामिल हैं. एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, “हम मार्च तक 22 स्मार्ट शहरों को पूरा कर लेंगे, क्योंकि इन शहरों में परियोजनाएं अंतिम चरण में हैं. अगले तीन-चार महीनों में हम बाकी शहरों का परियोजना कार्य पूरा कर लेंगे.”
6 फरवरी को, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री कौशल किशोर ने राज्यसभा को बताया कि इस साल 27 जनवरी तक, 100 स्मार्ट शहरों में 1,81,322 करोड़ रुपये की 7,804 परियोजनाओं के लिए कार्य आदेश जारी किए गए हैं, जिनमें से 98,796 करोड़ रुपये की 5,246 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं. केंद्र सरकार ने मिशन के तहत 36,447 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जिसमें से 32,095 करोड़ रुपये (88 प्रतिशत) का उपयोग किया जा चुका है.
ये भी पढ़ें: Agra News: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का ये कैसा हाल! 300 करोड़ की लागत से लगे 25 फीसदी कैमरे खराब