मुंबई: पिछले 11 दिनों से 24 वर्षीय सोनाली ठक्कर के माता पिता केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि क्यों उनकी बेटी पिछले 11 दिनों से शिप में मौजूद 218 कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों के साथ रह रही है? अगर केंद्र सरकार चीन से भारतीयों को वापस अपने देश ली सकती है तो फिर उनकी बेटी समेत शिप में मौजूद 137 अन्य भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए सरकार कोई ठोस कदम क्यूं नहीं उठा रही?


मुंबई के सटे मीरा रोड परिसर निवासी दिनेश ठक्कर अपनी बेटी सोनाली ठक्कर की सही सलामत देश वापसी के लिए हर दिन भगवान से प्रार्थना करते रहते हैं. दिनेश और लीना ठक्कर की 24 साल की बेटी सोनाली कोरोना वायरस के धोखे से जुझ रही है. सोनाली जापान के योकोहामा में पिछले 11 दिन से फँसी है. वो डायमंड प्रिन्सेस नाम के एक क्रूज़ शिप में बतौर सेकयूरिटी ऑफ़िसर काम करती हैं. इस शिप में कुल 218 कोरोना वायरस से ग्रसित लोग हैं और दिन ब दिन ये आँकड़ा बढ़ता जा रहा है.


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दरअसल 3 फ़रवरी को इस शिप में पहली बार एक शख़्स कोरोना वायरस पॉज़िटिव पाया गया. उस शख़्स को हॉन्गकॉन्ग में शिप से उतारा गया। क्योंकि यह एक व्यक्ति वायरस के लिए पॉज़िटिव पाया गया तो शिप को टोक्यो के पास योकोहामा में रोका गया ताकि शिप में मौजूद 3700 यात्री और क्रू मेम्बर की भी कोरोना वायरस के लिए जाँच की जाए. जांच के बाद शिप में 218 लोग कोरोना वायरस पॉज़िटिव मिले.


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सोनाली ने अपना विडियो सोशल मीडिया में डालकर सरकार से मदद की अपील की है. सोनाली ने एबीपी न्यूज़ से कहा- फ़िलहाल क्रू मेम्बर सुरक्षित हैं. लेकिन कब तक रहेंगे ये पता नहीं. दिन ब दिन कोरोना वायरस के लिए पॉज़िटिव पाए गए लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. मेरे माता पिता परिवार वाले परेशान हैं. सभी उम्मीद दे रहे हैं जल्द कोई मदद आएगी लेकिन पिछले चार दिनों से मैंने खुद को एक कमरे में बंद कर रखा है.


सोनाली के मुताबिक़- हमें ज़्यादा डॉक्टर, ज़्यादा लोगों की जरुरत है. ताकि लोगों के टेस्ट तुरंत हो सकें. हमें टेस्ट करने में अब तीन से चार दिन का इंतज़ार करना पड़ता है जो बहुत लंबा समय है. सोनाली चाहती है कि जापान सरकार कोरोना वायरस के लिए नेगेटिव पाए गए लोगों को जल्द से जल्द बाहर निकाले.


सोनाली के पिता दिनेश के मुताबिक़- मैं हर रोज़ अपनी बेटी से वीडियो कॉल पर बात करता हूँ. ताकि उसकी सलामती मुझे पता चल सके. चिंता का विषय है कि वायरस तेज़ी से शिप में लोगों में फैल रहा है.


इस शिप में क़रीब 2670 यात्री और 1100 रूप मेम्बर है. जापान सरकार लोगों को बाहर निकलने के लिए प्रयास कर रही है. शिप में मौजूद सभी 138 भारतीय उम्मीद कर रहे हैं कि मोदी सरकार उन्हें जल्द इस संकट से बाहर निकालेगी.