नई दिल्ली: बजट से पहले उद्योग संगठन एसोचैम ने केंद्र सरकार से बड़ी मांग की है. एसोचैम ने वस्तु और सेवा कर की दरों में सभी स्तरों पर 25 फीसद तक की कटौती करने को कहा है. उसका आंकलन है कि अगर ये प्रक्रिया अगले छह महीने तक जारी रहती है तो आर्थिक गतिविधियों में तेजी देखने को मिल सकती है. एसोचैम ने यह भी कहा कि सरकार को अभी बढ़ते राजकोषीय घाटे के बारे में ज्यादा चिंता नहीं करना चाहिए.
2019-2020 के लिए आर्थिक वृद्धि दर 5 फीसद का अनुमान
आपको बता दें कि उद्योग संगठन ने यह बात ऐसे समय में कही है जब केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने 2019-20 के अपने अग्रिम अनुमान में आर्थिक वृद्धि दर 5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. एसोचैम ने सरकार से छोटे, मंझोले और बड़े उद्योगों की समस्याओं को दूर करने की अपील की है. संगठन का कहना है कि इसके लिए बजट में विशेष प्रावधान किये जाने की जरुरुत है. सरकार को सुझाव देते हुए संगठन ने बजट में कृषि के लिए कॉरपोरेट फार्मिंग की भी व्यवस्था करने को कहा है. संगठन का मानना है कि इससे अर्थव्यस्था में जारी सुस्ती का मुकाबला किया जा सकता है. साथ ही रोजगार सृजन में भी बड़ी मदद मिलेगी.
एसोचैम अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी बुधवार को पत्रकारों से मुखातिब थे. उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार उनकी मांग पर ध्यान देगी. अगर सरकार उनके सुझाव पर अमल करती है तो चंद सालों में प्रधानमंत्री का 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश भारत बन जाएगा. मांग में कमी, उपभोग में नरमी से देश गुजर रहा है. ऐसे में एसोचैम अध्यक्ष सरकार को सलाह देते हुए कहते हैं, “उद्यमियों को सहूलियत पहुंचाने के लिए और उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार को जमीनी सतह पर काम करना होगा. इस सिलसिले में उनका कहना है कि कारोबार को आसान बनाने, मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहन देने और निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में कदम उठाया जाना चाहिए.