यूक्रेन में करीब 16 हज़ार भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं, जिनमें अधिकतर छात्र हैं. यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का शुक्रवार को दूसरा दिन था. इन छात्रों में लगभग 2,500 गुजरात से और 2,320 केरल से हैं. ये छात्र खार्किव और कीव में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. यूक्रेन में तनाव बढ़ने के बीच भारत में मौजूद इन छात्रों के परिवार चिंतित हैं. वहीं, कई राज्य सरकारों ने केंद्र से उनकी सुरक्षित निकासी के लिए तत्काल व्यवस्था करने का अनुरोध किया है.


तमिलनाडु सरकार का अनुमान है कि राज्य के लगभग 5,000 छात्र और प्रवासी यूक्रेन में फंसे हुए हैं. राज्य ने घोषणा की कि वह छात्रों की वापसी से संबंधित सभी खर्च वहन करेगा. महाराष्ट्र के लगभग 1,200 छात्र और छत्तीसगढ़ के 70 छात्रों सहित 100 निवासी वहां फंसे हुए हैं. गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघाणी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल यूक्रेन में फंसे करीब 2,500 छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए केंद्र के साथ संपर्क में हैं.


मध्य प्रदेश के गृह सचिव गौरव राजपूत ने कहा कि यूक्रेन में फंसे 87 छात्रों के अभिभावकों ने सहायता के लिए मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से संपर्क किया है. वहीं युद्धग्रस्त देश यूक्रेन में फंसे गोवा के निवासियों की संख्या तुरंत उपलब्ध नहीं है, लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने केंद्र को पत्र लिखकर उनकी सुरक्षित वापसी में मदद मांगी है.


राजस्थान के लगभग 600-800 छात्र और हिमाचल प्रदेश के लगभग 130 छात्र भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से राज्य से लोगों की सुरक्षित वापसी के लिए आवश्यक उपाय करने का आग्रह किया है. वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि राज्य के लगभग 2,000 निवासी यूक्रेन में फंसे हुए हैं और उन्हें निकालने की जरूरत है. अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के लगभग 85 निवासी यूक्रेन में फंसे हुए हैं.


पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने जयशंकर को पत्र लिखकर केंद्र सरकार से यूक्रेन में फंसे पंजाब के निवासियों सहित भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए तत्काल व्यवस्था करने का अनुरोध किया है. कर्नाटक सरकार ने कहा कि राज्य के 346 निवासी यूक्रेन में फंसे हुए हैं और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि उन्होंने विदेश मंत्री से फंसे हुए छात्रों के लिए भोजन जैसी आवश्यक व्यवस्था करने का अनुरोध किया है.


तेलंगाना सरकार ने केंद्र से यूक्रेन में फंसे राज्य के छात्रों को वापस लाने के लिए विशेष विमान की व्यवस्था करने का आग्रह किया और कहा कि वह उनकी निकासी का पूरा यात्रा खर्च वहन करने के लिए तैयार है.


हजारों मलयाली, विशेषकर यूक्रेन में फंसे छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंतित केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने अलग से विदेश मंत्री को पत्र लिखकर उनकी सुरक्षित वापसी की मांग की.


आंध्र प्रदेश के लगभग 170 और पुडुचेरी के आठ निवासी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं. पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगासामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यूक्रेन में फंसे छात्रों को निकालने का आग्रह किया है.


ओडिशा के करीब 1,500 छात्र भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनकी सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने का आग्रह किया है. उनमें से ज्यादातर खार्किव में नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी और कीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिकल कोर्स कर रहे हैं.


सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा कि उनकी सरकार संकटग्रस्त देश में फंसे राज्य के 20 छात्रों को वापस लाने के लिए केंद्र के साथ समन्वय कर रही है. कई राज्यों ने पूर्वी यूरोपीय देश यूक्रेन में फंसे अपने निवासियों के अपने अनुमानित आंकड़ें दिए हैं, छोटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ऐसा नहीं किया है.


इन लोगों को वहां से सुरक्षित निकालने के लिए योजनाएं चल रही हैं, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने कहा कि एयर इंडिया शुक्रवार को रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट के लिए दो उड़ानें संचालित करने की योजना बना रही है ताकि सड़क मार्ग से यूक्रेन-रोमानिया सीमा पर पहुंचे भारतीय नागरिकों को वापस लाया जा सके.


फंसे हुए छात्रों को भोजन, पानी और नकदी समाप्त होने के जोखिम का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि वे खाली बंकरों और सुरंगों में शरण लिए हुए हैं. वे भारतीय दूतावास से निकासी प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी का इंतजार कर रहे हैं.


गिरुवार को विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि सरकार ने यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भारतीय राजदूतों से कहा है कि वे अपने मिशन से सीमावर्ती क्षेत्रों में टीमों को भेजें ताकि भारतीयों को निकाला जा सके. यूक्रेन के हवाई क्षेत्र को गुरुवार सुबह देश के अधिकारियों द्वारा नागरिक विमान संचालन के लिए बंद कर दिया गया था और इसलिए, बुखारेस्ट से निकासी उड़ानें संचालित हो रही हैं.


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