भारत में ही बनेगी भगवान राम की 251 मीटर ऊंची मूर्ति, राम सुतार करेंगे निर्माण
मूर्ति पूरी तरह कांसे से की बनी होगी. अनिल सुतार का कहना है कि इस मूर्ति का निर्माण नोएडा और साहिबाबाद में उनके मूर्ति बनाने वाले कारखाने में होगा.
लखनऊः अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर मंदिर बनने के साथ साथ जल्द बनेगी 251 मीटर ऊंची कांसे की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. इसको लेकर योगी सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है. एक तरफ योगी सरकार ने इस मूर्ति का डिजाइन पास कर दिया है तो वहीं दूसरी तरफ मूर्ति के निर्माण के लिए सरयू नदी किनारे एक जगह ढूंढी जा रही है. करीब डेढ़ सौ एकड़ में इस मूर्ति का निर्माण किया जाएगा. यह मूर्ति गुजरात के केवरिया में बने सरदार पटेल की मूर्ति से भी काफी ऊंची होगी.
योगी सरकार ने हाल ही में भारत के कई मूर्तिकारों से राम की मूर्ति के डिजाइन भेजने के लिए कहा था. जिसके बाद मूर्तिकारों ने राम की प्रतिमा के डिजाइंस भेजें. काफी मंथन के बाद योगी सरकार ने मशहूर मूर्तिकार राम सुतार और उनके बेटे अनिल सुतार द्वारा भेजी गई मूर्ति के डिजाइन को पास किया.
राम सुतार ने तीन डिजाइंस भेजे थे योगी सरकार के पास किस में से एक डिजाइन को काफी पसंद किया गया और राम सुतार को इस काम को सौंपने का फैसला लिया गया. मूर्ति का डिजाइन और निर्माण मूर्तिकार राम सुतार और उनके बेटे अनिल सुतार करेंगे.
भारत में ही बनेगी मूर्ति
यह मूर्ति पूरी तरह कांसे से की बनी होगी. अनिल सुतार का कहना है कि इस मूर्ति का निर्माण नोएडा और साहिबाबाद में उनके मूर्ति बनाने वाले कारखाने में होगा. बाद में मूर्ति के हिस्सों को सरयू नदी किनारे जहां मूर्ति निर्माण हो रही है वहां पर जोड़ा जाएगा. इस मूर्ति के बनने में तकरीबन 4 साल का वक्त लग सकता है.
भगवान राम की मूर्ति के लिए राम सुतार की तरफ से तीन डिजाइन भेजे गए थे. जिसमें पहले डिजाइन में भगवान राम आशीर्वाद देती भी मुद्रा में थे वहीं दूसरे में उनका एक पैर आगे और हाथों में धनुष का डिजाइन बनाया गया था. वहीं तीसरी मूर्ति में भगवान राम की सीधी खड़ी एक मूर्ति का डिजाइन बनाया गया था.
इन तीनों डिजाइन में से योगी सरकार ने दूसरा डिजाइन यानी जिसमें भगवान राम का एक पैर आगे और हाथों में धनुष बाण है उसे पसंद किया. मूर्तिकार राम सुतार के बेटे और इस मूर्ति के डिजाइन करता अनिल सुतार का कहना है, "हमने 3 डिजाइन भेजे थे, उन्हें एक डिजाइन पसंद आया. सरकार का कहना था कि सबसे अच्छा डिजाइन है."
कांसे की होगी मूर्ति
यह मूर्ति पूरी तरह ब्रॉन्ज यानी कांसे की होगी क्योंकि ब्रॉन्ज सबसे अच्छा होता है मूर्ति के निर्माण के लिए. अनिल सूतार के मुताबिक ब्रॉन्ज लोंग लास्टिंग और मजबूत होता है. वहीं इसकी ऊंचाई काफी है ऐसे में हवा और पानी की मार सिर्फ ब्रॉन्ज ही सेहन कर सकता है.
वहीं अनिल सुतार का कहना है कि भगवान राम की यह मूर्ति भी गुजरात में बनी सरदार पटेल की मूर्ति की तरह ही बनाई जाएगी. सरदार पटेल की मूर्ति भी कांसे से बनी है और काफी ऊंची भी है. उसी प्रक्रिया से इस मूर्ति का निर्माण भी किया जाएगा.
अनिल सुतार के मुताबिक स्मृति के निर्माण में तकरीबन 4 साल का वक्त लगेगा क्योंकि लाल जगह सही नदी के किनारे ढूंढी जा रही है. वही जगह मिलने के बाद कई टेस्ट होने हैं जिसमें सॉयल टेस्ट, स्ट्रक्चर टेस्ट और स्ट्रक्चर किस तरह से किस दिशा में बनेगा यह तमाम चीजें तय होना है.
मूर्ति की खासियत
- यह मूर्ति 251 मीटर ऊंची होगी.
- इस मूर्ति का निर्माण डेढ़ सौ एकड़ जमीन पर किया जाएगा और यह जमीन सरयू नदी के किनारे होगी.
- इस मूर्ति का निर्माण पूरी तरह से कांसे किया जाएगा.
- मूर्ति का बेस एक मंदिर होगा जिसकी ऊंचाई 51 मीटर होगी.
- मूर्ति कहां से से बने होने की वजह से धूप हवा और पानी इन सब से बची रहेगी.
- मूर्ति को कई किलोमीटर दूर से भी देखा जा सकेगा.
- यह मूर्ति गुजरात के केवरिया में बने सरदार पटेल की मूर्ति से 68 मीटर ऊंची होगी.
- इस मूर्ति के निर्माण में 4 साल का वक्त लगेगा.
- इस मूर्ति का डिजाइन राम सुतार ने बनाया है जिन्होंने गुजरात की सरदार पटेल और महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति का डिजाइन तैयार किया है. यह दोनों मूर्तियां काफी ऊंची हैं.
- फिलहाल मूर्ति के लिए सरयू किनारे डेढ़ सौ एकड़ जगह ढूंढी जा रही है.
फ़िलहाल इस मूर्ति के निर्माण पर कितना खर्च होगा यह अभी साफ नहीं है. अनिल सुतार का कहना है कि जब तक पूरा प्रोजेक्ट डिजाइन नहीं हो जाता यह तो नहीं हो जाता की मूर्ति के अलावा आसपास और क्या निर्माण होगा और किस तरह का स्ट्रक्चर बनाया जाएगा तब तक यह कह पाना काफी मुश्किल होगा.