26 जनवरी हिंसा मामले में 35 दिन बाद भी लक्खा सिधाना सहित 6 इनामी आरोपी फरार
दिल्ली पुलिस अभी तक 26 जनवरी हिंसा मामले में शामिल लक्खा समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. इनमें से कई आरोपी पुलिस को चैलेंज कर रहे है तो वही पंजाब में किसान रैलियों में भी नजर आ रहे है.
26 जनवरी हिंसा मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस अभी तक इनामी लक्खा समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार नही कर पाई है. इनमें से कई आरोपी पुलिस को चैलेंज कर रहे है तो वही पंजाब में किसान रैलियों में भी नज़र आ रहे है लेकिन पुलिस सिर्फ हाथ मलती ही नजर आ रही है.
आखिर क्या वजह है कि हजारों लोगों के बीच रैलियों में नज़र आने के बाद भी पुलिस इन्हें गिरफ्तार नहीं कर रही है. कही पुलिस को टूलकिट मामले की तरह इसमें भी फजीहत होने का डर तो नहीं?
आपको बता दे कि पुलिस ने अब तक 59 मामले दर्ज किए है जिनमे से 14 मामलों की जांच क्राइम ब्रांच की टीम कर रही है. जिसमें लाल किले पर हुए उपद्रव का मामला भी शामिल है. पुलिस 26 जनवरी की हिंसा को लेकर 158 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. जबकि 400 लोगों को नोटिस भेजा जा चुका है इसके अलावा 260 संदिग्ध लोगों की तस्वीरे जारी की जा चुकी है.
आपको बता दें कि, गैंगस्टर लक्खा सिधाना लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से पुलिस को चुनौती दे रहा है. पुलिस की कई टीमें लक्खा की तलाश में छापेमारी कर रही है लेकिन पुलिस उसे पकड़ने में नाकाम है. इसके अलावा वो आरोपी जिन पर इनाम है वो भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है. वो जुगराज भी शामिल है जिसने लाल किले पर झंडा लगाया था.
लाल किले पर हुई हिंसा के मामले में पुलिस अब तक 3 इनामी आरोपियों समेत 158 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. इस मामले के मोस्ट वांटेड कहे जाने वाले एक लाख रुपये के इनामी आरोपी पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू, इकबाल सिंह और सुखदेव सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस ने 9 लोगों पर इनाम घोषित किया था. 5 लोगों पर 1 लाख रूपये तो बाकियों पर 50 हजार का इनाम रखा गया था.
पुलिस के सूत्रों के मुताबिक अभी तक किसान नेताओं समेत 80 लोगों के खिलाफ LOC जारी की जा चुकी है. इसमें वो किसान नेता भी शामिल है जिन्होंने पुलिस को रैली के लिए लिखित में इजाजत मांगी थी और उन्होंने इस ट्रैक्टर रैली की जिम्मेदारी भी ली थी कि कोई उपद्रव नहीं होगा. पुलिस के सूत्रों के मुताबिक इनके खिलाफ एलओसी इसलिए जारी की गई है ताकि इनमें से कोई भी देश छोड़कर ना जा सके आपको बता दें कि अभी तक किसी भी किसान नेता ने जांच ज्वाइन नहीं की है.
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