नई दिल्ली: एबीपी न्यूज़ की खबर पर मुहर लग गई है. एबीपी न्यूज़ ने बताया था कि 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने आम जनता की मदद मांगी है और जनता से यह कहा है कि जिनके पास हिंसा से जुड़ी कोई भी वीडियो या फोटो हो वो पुलिस के साथ शेयर करें. इसको लेकर दिल्ली पुलिस ने अब एक औपचारिक अपील भी जारी कर दी है.
दिल्ली पुलिस ने अपील में कहा है कि 26 जनवरी 2021 को प्रदर्शनकारी किसानों ने एक ट्रैक्टर रैली निकाली थी और दिल्ली में हिंसा भड़काई थी. मीडिया कर्मियों सहित जनता के सभी सदस्य जो घटनाओं के गवाह हैं या जिनके पास घटना के बारे में कोई जानकारी है या उन्होंने अपने मोबाइल फोन या कैमरे पर कोई गतिविधि कैद की है, उनसे अनुरोध है कि वह आगे आएं और अपने बयान, फुटेज और तस्वीरें हमें इस नम्बर 8750871237 पर भेजें.
हिंसा के 6 संदिग्धों की फुटेज पुलिस के हाथ लगी है. इन 6 संदिग्धों की फुटेज के आधार पर हिंसा भड़काने को लेकर अहम भूमिका सामने आ रही है. फुटेज के आधार पर इन सभी लोगों की तलाश की जा रही है. दरअसल पुलिस के पास जो तमाम सीसीटीवी और वीडियो मौजूद है, उन्हीं की जांच के बाद इन 6 उपद्रवियों के बारे में पुलिस को पता चला है. अब इनकी तलाश तेज कर दी गई है.
इसके अलावा गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान पुलिस ने 10 फोटोग्राफर और 10 वीडियो कैमरा बाहर से प्राइवेट मंगाए थे. गणतंत्र दिवस का प्रोग्राम खत्म होने के बाद इन सभी को हिंसा के दौरान भी काम पर लगा दिया गया था. अब इनसे भी तमाम वीडियो और फ़ोटो लिए गए हैं. इन फ़ोटो और वीडियो के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है.
जांच के दौरान पुलिस को कुछ किसान नेताओं के वीडियो भी मिले हैं, जो भड़काऊ भाषण दे रहे थे. उनके वीडियो की जांच की जा रही है.
आंदोलन जब से शुरु हुआ तब से लेकर 26 जनवरी तक जितने भी व्हाट्सएप ग्रुप बने हैं, उन सभी की जांच की जा रही है. क्योंकि जांच के दौरान सामने आया है कि कुछ व्हाट्सएप ग्रुप्स में किसान आंदोलन को भड़काने का काम किया गया. माहौल खराब करने की कोशिश की गई.
दिल्ली में जिन जिन जगहों पर हिंसा हुई उन सभी इलाकों का डंप डेटा निकाला जा रहा है, ताकि आरोपियों को पकड़ने में आसानी हो. डंप डाटा मोबाइल टावर से लिया जाता है, जिसमें अलग अलग हज़ारों नम्बर शामिल होते हैं. कॉल डिटेल के आधार पर जिन नंबरो पर शक होता है, उनकी जांच की जाती है.
वहीं क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच को आगे बढ़ाते हुए 12 किसान नेताओं को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया है. हालांकि किसान नेताओं की तरफ से अभी तक क्राइम ब्रांच के पास कोई जवाब नहीं पहुंचा है.