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26 जनवरी हिंसाः पुलिस को 6 संदिग्धों की तलाश, डंप डेटा जुटाने में लगी पुलिस
पुलिस ने जनता की भी मदद मांगी है. पुलिस ने जनता से अपील की है कि दंगो के दौरान जिन लोगों ने भी मोबाइल कैमरे से वीडियो बनाए थे वो पुलिस को दे. अब तक पुलिस को 160 से ज्यादा फुटेज मिल चुकी है. जांच के दौरान पुलिस को कुछ किसान नेताओ के वीडियो भी मिले है जो भड़काऊ भाषण दे रहे थे.
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नई दिल्लीः गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के मामले में 6 संदिग्धों की फुटेज पुलिस के हाथ लगी है. इन 6 संदिग्धों की फुटेज के आधार पर हिंसा भड़काने को लेकर अहम भूमिका सामने आ रही है. फुटेज के आधार पर इन सभी दंगाइयों की तलाश की जा रही है. दरअसल, पुलिस के पास जो तमाम सीसीटीवी और वीडियो मौजूद है उन्ही की जांच के बाद इन 6 उपद्रवियों के बारे में पुलिस को पता चला है. अब इनकी तलाश तेज कर दी गई है.
इसके अलावा गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान पुलिस ने 10 फोटोग्राफर और 10 वीडियो कैमरा बाहर से प्राइवेट मंगाए थे. गणतंत्र दिवस का प्रोग्राम खत्म होने के बाद इन सभी को दंगे के दौरान भी काम पर लगा दिया गया था. अब इनसे भी तमाम वीडियो और फ़ोटो लिए गए है इन फ़ोटो और वीडियो के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है.
पुलिस ने जनता से मांगी मदद
पुलिस ने जनता की भी मदद मांगी है. पुलिस ने जनता से अपील की है कि दंगो के दौरान जिन लोगों ने भी मोबाइल कैमरे से वीडियो बनाए थे वो पुलिस को दे. अब तक पुलिस को 160 से ज्यादा फुटेज मिल चुकी है. जांच के दौरान पुलिस को कुछ किसान नेताओ के वीडियो भी मिले है जो भड़काऊ भाषण दे रहे थे. उनके वीडियो की जांच की जा रही है.
आंदोलन जब से शुरु हुआ तब से लेकर 26 जनवरी तक जितने भी व्हाट्सएप ग्रुप बने है उन सभी की जांच की जा रही है. क्योंकि जांच के दौरान सामने आया है कि कुछ व्हाट्सएप ग्रुप्स में किसान आंदोलन को भड़काने का काम किया गया. माहौल खराब करने की कोशिश की गई.
दिल्ली में जिन जिन जगहों पर हिंसा हुई उन सभी इलाकों का डंप डेटा निकाला जा रहा है ताकि आरोपियों को पकड़ने में आसानी हो. डंप डाटा मोबाइल टावर से लिया जाता है जिसमें अलग अलग हज़ारों नम्बर शामिल होते है. कॉल डिटेल के आधार पर जिन नंबरो पर शक होता है उनकी जांच की जाती है.
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