ट्रैक्टर रैली: जब हिंसा में फंसे जूनियर पुलिसकर्मी को बचाने के लिए आगे आए दिल्ली पुलिस के सीनियर अधिकारी, जानें पूरा मामला
एडिशनल डीसीपी परविंदर ने कहा कि यह 26 तारीख की बात है. नांगलोई के पास जब भीड़ की हिंसा शुरू हुई, तो हमारा एक जूनियर भीड़ के अंदर फस गया. जब हमें इस बात की जानकारी हुई तब हम उसे बाहर निकालने के लिए प्रयासरत हुए
नई दिल्ली: अक्सर ऐसा देखने में आता है जब जूनियर पुलिस कर्मचारी अपने सीनियर अधिकारी को बचाता है, लेकिन 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान टिकरी बॉर्डर पर कुछ ऐसा हुआ, जिसमें सीनियर अधिकारियों ने अपने जूनियर को भीड़ से बचाया. ये दोनों सीनियर अधिकारी हैं एडिशनल डीसीपी साउथ परविंदर सिंह और एडिशनल डीसीपी आउटर सुधांशु धामा.
26 जनवरी के दिन हुई घटना को याद करते हुए एडिशनल डीसीपी परविंदर ने कहा, "यह 26 तारीख की बात है. नांगलोई के पास जब भीड़ की हिंसा शुरू हुई, तो हमारा एक जूनियर भीड़ के अंदर फस गया. जब हमें इस बात की जानकारी हुई तब हम उसे बाहर निकालने के लिए प्रयासरत हुए और किसी तरीके से हम उसे बाहर खींच के लाने में सफल रहे. उस समय हिंसा भी हो रही थी."
एडिशनल डीसीपी सुधांशु धामा ने उस दिन हुई घटना को लेकर बताया, "हम सभी ड्यूटी पर थे. अचानक से हिंसा शुरू हो गई, तो एडिशनल डीसीपी साउथ के ऑपरेटर हेड कांस्टेबल मनोज उसमें फंस गए थे. हम लोगों को जैसे जानकारी हुई हम लोग उसे बचाने के लिए अंदर घुसे और फिर किसी भी तरीके से उसे बाहर निकालने में सफल रहे. उसको चोट भी आई है. उसी दौरान मेरे हाथ में भी चोट आई और वहां बहुत से ऐसे पुलिस कर्मचारी और अधिकारी भी थे जो चोटिल हुए हैं."
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