Target Killing in Kashmir: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में निर्दोष नागरिकों को लक्षित कर उन पर हमला करने की आतंकी वारदातें (Terrorist Attacks) थमने का नाम नहीं ले रही है. पिछले आठ महीने यानी जनवरी से लेकर अब तक कश्मीर (Kashmir) में 27 लोगों की हत्याएं आतंकियों द्वारा टारगेट किलिंग (Target Killing) के तहत की गई है. इनमें आज शोपियां (Shopian) में आतंकियों का निशाना बना एक कश्मीरी पंडित (Kashmiri Pandit) भी शामिल है. आज शोपियां जिले के चोटीगाम गांव में एक सेब के बागान में दो कश्मीरी पंडित भाइयों पर आतंकियों ने हमला कर दिया. आतंकियों की गोलीबारी से जख्मी दोनों भाइयों में से एक की मौत हो गई जबकि दूसरे को अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस आतंकी वारदात से एक बार फिर यह सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर कब तक कश्मीर में निर्दोष लोगों की जान आतंकी लेते रहेंगे?


कश्मीर में इस साल टारगेट किलिंग का पहला मामला जनवरी में सामने आया था. 29 जनवरी 2022 को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में जिले के पुलिस हेड कॉन्सटेबल अली मोहम्मद गनी को आतंकियों ने उनके घर के पास गोली मार दी थी, जिसमें पुलिस जवान की मौत हो गई थी. इसके बाद टारगेट किलिंग की आतंकी वारदातें रफ्तार पकड़ गईं. जनवरी के बाद कश्मीर में मार्च में 8 लोगों की हत्याएं टारगेट कर की गईं. वही, अप्रैल में पांच, मई में छह, जून में तीन और अगस्त में अब तक तीन लोगों की हत्याएं टारगेट किलिंग के तहत हो चुकी  हैं.


टारगेट किलिंग को लेकर क्या कहा जम्मू-कश्मीर पुलिस ने?


टारगेट किलिंग में आतंकी केवल निर्दोष हिंदू नागरिकों को ही निशाना नहीं बना रहे, वे सेना और पुलिस के जवानों, मुस्लिम समुदाय के लोगों और बाहरी मजदूरों पर भी हमले कर रहे हैं. हालांकि, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा है कि घाटी में आतंकी उसके शांति के प्रयास को नहीं रोक पाएंगे. कश्मीर के आईजीपी ने कहा, ''महिलाओं, बच्चों, निहत्थे पुलिसवालों और बाहरी मजदूरों समेत निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाकर आतंकवादी घाटी में हमारे शांति लाने के प्रयास को नहीं रोक सकते हैं. पुलिस ने कहा, ''कश्मीर के सभी 3 इलाकों में, विशेष रूप से विदेशी आतंकवादियों के खिलाफ हमारे सीटी ऑपरेशन एक साथ जारी रहेंगे.''


इन लोगों की हुई टारगेट किलिंग


आज की वारदात में जिन दो कश्मीरी पंडित भाइयों पर आतंकियों ने हमला किया, उनकी पहचान सुनील कुमार और पिंटू कुमार के रूप में हुई है. इससे पहले 11-12 अगस्त की दरमियानी रात बांदीपोरा जिले के सोदनारा संबल इलाके में एक बिहारी मजदूर मोहम्मद अमरेज को आतंकियों गोली मार दी थी. अमरेज को जख्मी हालत में अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी. इससे पहले मई में राजस्व विभाग में काम करने वाले राहुल भट्ट की हत्या ने तूल पकड़ा था और कश्मीरी पंडितों ने भारी विरोध प्रदर्शन किया था.


राहुल भट्ट को आतंकियों ने 12 मई को उनके दफ्तर में घुसकर गोली मार दी थी. मई में ही आतंकियों ने बडगाम जिले के हिशरू इलाके में टीवी एक्ट्रेस अमरीन बट की गोली मारकर हत्या कर दी थी. अमरीन बट की हत्या की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली थी. आतंकियों ने अमरीन के दस वर्षीय भतीजे फरहान जुबैर को भी बुरी तरह लहूलुहान कर दिया था. राहुल भट्ट की हत्या के आरोपी लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी लतीफ राथर समेत तीन आतंकियों को सुरक्षाबलों ने हाल में ही मुठभेड़ में मार गिराया था.


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