नई दिल्ली: मोदी सरकार आज लोकसभा में अपने पहले अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रही है. बता दें कि यह अविश्वास प्रस्ताव सदन के इतिहास में 27वां और पिछले 15 सालों में पहला है. लोकसभा सचिवालय के आंकड़े के अनुसार 27 अविश्वास प्रस्तावों में से 15 इंदिरा गांधी के खिलाफ उनके पीएम रहते हुए लाए गए. वहीं लाल बहादुर शास्त्री के खिलाफ तीन अविश्वास प्रस्ताव, पी वी नरसिंह राव के खिलाफ तीन, मोरारजी देसाई के खिलाफ दो और राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ एक एक प्रस्ताव लाये गए थे.


पहला अविश्वास प्रस्ताव जवाहर लाल नेहरू के खिलाफ अगस्त 1963 में जे बी कृपलानी लेकर आए थे. आखिरी अविश्वास प्रस्ताव 2003 में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी द्वारा वाजपेयी की एनडीए सरकार के खिलाफ लाया गया था.


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निचले सदन में इतिहास में केवल एक बार ऐसा हुआ जब प्रधानमंत्री ने किसी अविश्वास प्रस्ताव के बाद इस्तीफा दिया. 1979 में मोरारजी देसाई ने इस्तीफा दे दिया था क्योंकि प्रस्ताव पर चर्चा अनिर्णायक रही थी.


लोकसभा सचिवालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार तीसरी और चौथी लोकसभा में छह अविश्वास प्रस्ताव लाये गए जो कि सबसे ज्यादा हैं. 1962 से 1967 तक तीसरी लोकसभा में देश को जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी के रूप में तीन प्रधानमंत्री मिले थे.


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चौथी लोकसभा 1967 से 1970 तक रही और उस समय इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं. इंदिरा गांधी के खिलाफ 15 अविश्वास प्रस्तावों में से चार सीपीएम नेता ज्योतिर्मय बसु लेकर आए थे.