पुणे में ब्लैक फंगस के 270 मामले, इलाज के लिए दिशानिर्देश तय
पुणे संभाग के संभागीय आयुक्त सौरभ राव ने बताया कि जिले के विभिन्न अस्पतालों में इस तरह के संक्रमण के अब तक करीब 270 मामले आ चुके हैं.
पुणे: महाराष्ट्र के पुणे जिले में ब्लैक फंगस के करीब 270 मामले सामने आने के बाद सरकार के एक कार्यबल ने अस्पतालों में मरीजों के उपचार के लिए मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की है. अधिकारियों ने शुक्रवार को इस बारे में बताया.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार साइनस की परेशानी से नाक का बंद हो जाना, आधा चेहरा सुन्न पड़ जाना, आंखों में सूजन, धुंधलापन, सीने में दर्द उठना, सांस लेने में समस्या होना और बुखार होना ब्लैक फंगस संक्रमण के लक्षण हैं.
पुणे संभाग के संभागीय आयुक्त सौरभ राव ने बताया कि जिले के विभिन्न अस्पतालों में इस तरह के संक्रमण के अब तक करीब 270 मामले आ चुके हैं. उन्होंने कहा, 'हमारे संभागीय कार्यबल के सदस्य डॉ. भरत पुरंदरे ने ब्लैक फंगस के प्रबंधन के लिए विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की है.'
दिशानिर्देशों के पालन के लिए कहा
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी राव ने बताया, 'राज्य में सभी अस्पतालों के लिए मानक संचालन प्रकिया जारी की गई है. हमने अस्पतालों से एसओपी में निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करने को कहा है.'
ब्लैक फंगस से पुणे जिले में मृत्यु दर के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ नौकरशाह ने कहा कि इस संबंध में आंकड़े जुटाए जा रहे हैं. नोबेल अस्पताल के डॉ अभिषेक घोष ने कहा, 'कोविड-19 की दूसरी लहर में इसके ज्यादा मामले आ रहे हैं.'