नई दिल्ली: करुणानिधि ने तीन शादियां कीं, उनकी तीसरी पत्नी की बेटी कनिमोझी लंबे वक्त से विवादों में घिरी रहीं हैं. उन्हें 2जी घोटाला मामले में बरी कर दिया गया है. माना जाता है कि जयललिता के जादू को टक्कर देने के लिए करुणानिधि ने कनिमोझी को पार्टी का स्टार प्रचारक बनाया. कहा जाता है कि कनिमोझी ने अपना काम बखूबी किया जिसके बाद करुणानिधि ने उन्हें राज्यसभा सदस्य बनवाया.
कनिमोझी के नाम पर काफी उलझन रही है, खास तौर पर हिन्दी मीडिया में जहां अक्सर उनके नाम को अलग अलग तरह से पेश किया जाता है. डीएमके की नेता कनिमोझी पार्टी की कद्दावर नेता रही हैं और तमिल राजनीति में वे एक जाना पहचाना नाम हैं.
करुणानिधि की तीन शादियों के कारण डीएमके में उत्तराधिकार को लेकर भी विवाद रहे हैं. हालांकि कनिमोझी ने एमके स्टालिन को ही सिरमौर माना है. कनिमोझी का जन्म चेन्नई में 1968 में हुआ था. वे कवियित्री भी हैं और पत्रकारिता में भी उन्हें अच्छा अनुभव रहा है. वे अंग्रेजी अखबार हिन्दू में भी काम कर चुकी हैं.
1989 में उन्होंने शादी की थी लेकिन उनका तालाक हो गया. 1997 में उन्होंने तमिल लेखक अरविंदन से शादी की. 2007 में वे राज्यसभा के लिए चुनी गई थीं. नीरा राडिया टेप कांड में कनिमोझी का नाम चर्चा में आया था. सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा था कि 2009 में ए राजा को दूरसंचार मंत्री बनाने के लिए उन्होंने लॉबिंग की थी.