2G घोटाले में जल्द सुनवाई के लिए CBI और ED की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने दी मंजूरी
2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और अन्य को बरी किये जाने के खिलाफ अपीलों पर जल्द सुनवाई के संबंध में सीबीआई, ईडी की याचिका मंगलवार को मंजूर की. न्यायमूर्ति बृजेश सेठी ने आदेश सुनाते हुए कहा कि पांच अक्टूबर से दैनिक आधार पर 2 जी मामले में अपीलों पर सुनवाई की जाएगी.
नई दिल्ली: 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और अन्य को बरी किये जाने के खिलाफ अपीलों पर जल्द सुनवाई के संबंध में सीबीआई, ईडी की याचिका मंगलवार को मंजूर की. न्यायमूर्ति बृजेश सेठी ने आदेश सुनाते हुए कहा कि पांच अक्टूबर से दैनिक आधार पर 2 जी मामले में अपीलों पर सुनवाई की जाएगी.
अदालत ने कहा कि सबसे पहले सीबीआई के मामले में ‘लीव टू अपील’ पर दलीलें सुनी जाएंगी जिसमें राजा और अन्य को बरी किया गया था. जांच एजेंसियों ने 12 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध उनकी ‘लीव टू अपील (अपील की अनुमति)’ याचिका पर जल्द सुनवाई करने का आग्रह किया था.‘लीव टू अपील’ उच्च न्यायालय में एक फैसले को चुनौती देने के लिए एक अदालत द्वारा किसी पक्ष को दी गई औपचारिक अनुमति होती है. एजेंसियों ने कहा कि मामले में दलीलों को सुनने में उच्च न्यायालय का पर्याप्त न्यायिक समय लिया गया और 30 नवंबर को न्यायाधीश की सेवानिवृत्ति से पहले यह पूरी हो जानी चाहिए.
सीबीआई और ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) संजय जैन ने कहा था कि इस मामले में पहले ही न्यायिक समय लग चुका है और यह समय व्यर्थ नहीं जाना चाहिए. एक विशेष अदालत ने घोटाले से संबंधित केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मामलों में राजा, द्रमुक सांसद कनिमोझी और अन्य को 21 दिसम्बर, 2017 को बरी कर दिया था. विशेष अदालत ने 2जी घोटाला मामले की जांच में सामने आये एक अलग मामले में एस्सार समूह के प्रवर्तकों रविकांत रुइया और अंशुमान रुइया, लूप टेलीकॉम के प्रवर्तकों आई पी खेतान तथा किरण खेतान और चार अन्य को भी बरी कर दिया था.
सीबीआई ने रविकांत रुइया, अंशुमान रुइया, आई पी खेतान और किरण खेतान और चार अन्य को बरी किये जाने को चुनौती देने वाली अपील पर भी जल्द सुनवाई का अनुरोध किया था. राजा और कनिमोई के अलावा विशेष अदालत ने सीबीआई द्वारा दायर 2जी मामले में पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्व निजी सचिव आर के चंदोलिया; यूनिटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (आरएडीएजी) के तीन शीर्ष अधिकारियों - गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपरा और हरि नायर को भी बरी कर दिया था. स्वान टेलीकॉम के प्रवर्तकों शाहिद बलवा और विनोद गोयनका और कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल को भी सीबीआई मामले में बरी कर दिया गया था.
विशेष अदालत ने स्वान टेलीकॉम (पी) लिमिटेड, यूनिटेक वायरलेस (तमिलनाडु) लिमिटेड; रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड; फिल्म निर्माता करीम मोरानी और कलेंगनर टीवी के निदेशक शरद कुमार को भी सीबीआई मामले में बरी कर दिया था. उसी दिन विशेष अदालत ने ईडी मामले में राजा, कनिमोई, द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्मल, विनोद गोयनका, आसिफ बलवा, करीम मोरानी, पी अमिर्थम और शरद कुमार समेत 19 आरोपियों को भी बरी कर दिया था. ईडी ने 19 मार्च, 2018 को उच्च न्यायालय का रुख कर सभी आरोपियों को बरी किये जाने संबंधी विशेष अदालत के आदेश को चुनौती दी थी. इसके एक दिन बाद सीबीआई ने भी मामले में आरोपियों को बरी किये जाने को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.