नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े घोटालों में से एक 2-जी स्पेक्ट्रम घोटाले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट 21 दिसंबर को सुनाएगी फैसला. 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से जुड़े कुल तीन मामलों में अदालत को अपना फैसला सुनाना है. हालांकि ये तीनों ही मामले 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से जुड़े हुए हैं. दो मामलों में जांच एजेंसी सीबीआई है तो एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने जांच की है. हालांकि तीनों ही मामले एक दूसरे से जुड़े हुए हैं.


सीबीआई की पहली चार्जशीट में कुल 17 आरोपी बनाए गए थे जिसमें 14 लोग और तीन कंपनियां शामिल थे. वहीं दूसरे मामले में पांच लोगों और तीन कंपनियों का नाम शामिल था. प्रवर्तन निदेशालय के मामले में कुल 19 के खिलाफ चार्जशीट दायर हुई थी जिसमें 10 लोग और नौ कंपनियां शामिल थीं.


पहला मामला


सीबीआई की पहली चार्जशीट में बताया गया था कि किस तरह से साल 2008 में जब ए राजा दूरसंचार मंत्री थे उस दौरान शाहिद बलवा की कंपनी स्वान टेलिकॉम को नियमों को ताक पर 2जी लाइसेंस दिया गया. चार्जशीट के मुताबिक कुछ खास टेलिकॉम कंपनियों को लाइसेंस देने के लिए कटऑफ की तारीख को तक बदल दिया गया था. सीबीआई ने इस चार्जशीट में पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा, डीएमके सांसद कनिमोई, पूर्व टेलीकॉम सेक्रेटरी सिद्धार्थ बेहुरा, ए राजा के निजी सचिव आर के चंदोलिया, स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर शाहिद बलवा, स्वान टेलीकॉम के डायरेक्टर विनोद गोयनका, यूनिटेक के डायरेक्टर संजय चंद्रा, आसिफ बलवा, राजीव अग्रवाल, शरद कुमार, बॉलीवुड के निर्माता करीम मोरानी, रिलायंस कम्युनिकेशन के गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा और हरि नायर का नाम शामिल था.


वहीं 5 कंपनियों को भी आरोपी बनाया गया था. कंपनियों में रिलायंस कम्युनिकेशन, स्वान टेलिकॉम और यूनिटेक वायरलेस का नाम शामिल था. जांच एजेंसी सीबीआई ने अप्रैल 2011 में अदालत में करीब 80000 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी इस चार्जशीट में 125 गवाहों और 654 दस्तावेज़ों का ज़िक्र किया गया था.


दूसरा मामला


सीबीआई के दूसरे मामले में कुल नौ आरोपी बनाए जिसमें पांच लोगों और चार कंपनियों के नाम शामिल थे. इन पांच लोगों में एस्सार ग्रुप के रविकांत रुईया, अंशुमान रुइया, विकास सराफ, किरण खेतान और ईश्वरी खेतान का नाम शामिल थे. सीबीआई ने अपनी इस चार्जशीट में 398 फाइलों, करीब 22000 पन्नों के दस्तावेजों का और 100 सरकारी गवाहों का जिक्र किया था.


तीसरा मामला


तीसरा मामला प्रवर्तन निदेशालय ने दर्ज किया था. ये मामला 2जी घोटाले के दौरान 200 करोड़ रुपये की हेराफेरी से जुड़ा हुआ था. ईडी ने चार्जशीट में 10 लोग और नौ कंपनियों को आरोपी बनाया. आरोपियों में ए राजा, कनिमोई, शाहिद बलवा, विनोद गोइनका, दयालू अमम्ल, आसिफ बलवा, राजीव अग्रवाल, करीम मोरानी, पी अमिरतम और शरद कुमार के नाम शामिल थे. चार्जशीट में आरोप लगाया गया कि आरोपियों ने 200 करोड़ रुपये के लेनदेन की हेराफेरी की थी. वो लेनदेन रिश्वत का पैसा था जो तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए राजा को डीबी ग्रुप कंपनीज को दूरसंचार का लाइसेंस देने के लिए मिलनी थी.


चार्जशीट के मुताबिक डीबी ग्रुप कंपनीज से पैसा कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड और सिनेयुग फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड होता हुआ डीएमके द्वारा संचालित कलैगनार टीवी तक पहुंचाया गया. प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक कनिमोई और कलैगनार टीवी के प्रबंध निदेशक एवं सह आरोपी शरद कुमार की इस टीवी चैनल में 20-20 फीसदी की हिस्सेदारी थी. जबकि शेष 60 फीसदी हिस्सेदारी करुणानिधी की पत्नी दयालु अम्माल के पास थी.


अदालत ने सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी यानि साजिश रचने और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग ऐक्ट के तहत आरोप तय किए थे. अदालत ने इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी ( आपराधिक साजिश रचना), 409 ( आपराधिक धोखाधड़ी कर विश्वास तोड़ना), 420 (धोखा देना), 468 (कागजातों के साथ जालसाजी करना), 471 (गलत दस्तावेजों को सही बताकर पेश करना), इसके अलावा भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 7,11,12, 13(1) और 13(2) के तहत आरोप तय किए थे.