नई दिल्लीः देश की राजधानी दिल्ली के मंडावली में तीन बच्चियों की जान भूख की वजह से चली गयी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि इन बच्चों ने आठ दिनों से खाना नहीं खाया था. हालांकि दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने विवादित बयान देते हुए कहा है कि परिवार ने सोमवार को दोपहर और शाम को खाना खाया था तो ऐसे में ये सवाल है कि अगर परिवार ने सोमवार को खाना खाया था तो सिर्फ एक दिन में बच्चों की मौत भूख से कैसे हो सकती है. भूख से हुई मौतों पर शुरू हुई राजनीति के बाद सवाल उठ रहे हैं कि मौत पर शर्म की बजाए सियासत क्यों हो रही है?


दिल्ली में भूख से ही हुई थी 3 नाबालिग बहनों की मौत, आठ दिनों से नहीं मिला था एक निवाला


दिल्ली सरकार मदद के लिए ले रही है ये कदम
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश की राजधानी में तीन बच्चियों की मौत हम सब के लिए बहुत चिंता की बात है. सरकार की तरफ से मंडावली पीड़ित परिवार को 25 हज़ार रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है. बच्चों की मां की मानसिक हालत ठीक नहीं है और उनको अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. पुलिस बच्चों के पिता के तलाश कर रही है. उनके मिलते ही खाता खुलवाकर जितनी सम्भव होगी मदद की जाएगी. परिवार से जो बात पता चली है उसके मुताबिक बच्चियों के पिता मंगल का शुक्रवार या शनिवार को मारपीट करके रिक्शा छीन लिया गया. ये परिवार अपने करीबी नारायण के यहां ठहरा था.


इसके अलावा मनीष सिसोदिया ने कहा है कि प्लानिंग डिपार्टमेंट को कहा गया है कि हर गली में रहने वाले तमाम बच्चों की पढ़ाई, हेल्थ का सेंसस होना चाहिए. हमारा आईसीडीएस सिस्टम फेल हुआ है लिहाजा आईसीडीएस को भी कहा गया है कि शाम तक रिपोर्ट दे कि ये परिवार हमारे रिकॉर्ड में था या नहीं था. जिस बिल्डिंग में परिवार रहता था वहां दूसरे लोगों के पास राशन कार्ड क्यों नहीं था, इसकी रिपोर्ट ले रहे हैं. हम इसमें राजनीति नहीं कर रहे हैं लेकिन जिनके पास राशन नहीं पहुचता है, राशन कार्ड नहीं है, उसका समाधान डोर स्टेप डिलीवरी है और इसके लिए दिल्ली सरकार काम कर रही है.


हालांकि तीन बच्चियों की मौत के बाद कुछ सवाल उठ रहे हैं जिनका जवाब अभी तक मिला नहीं है-


भूख से बच्चों की मौत का कौन है जिम्मेदार?
देश की राजधानी दिल्ली में भूख से मौत के लिए सरकार जिम्मेदार है या जैसा कि आप (आम आदमी पार्टी) की तरफ से कहा जा रहा है कि ये एलजी के कारण हो रहा है. आप नेता सौरभ भारद्वाज ने मौत के लिए उपराज्यपाल को इशारों-इशारों में जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार तो ग़रीबों के घर तक राशन पहुंचाना चाहती है, बीजेपी और एलजी उसे रोक रहे है. सवाल ये है कि इन मौतों के पीछे असली जिम्मेदारी किसकी बनती है.


पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों की मौत भूख से हुई जबकि मनीष सिसोदिया कुछ और कह रहे हैं, सच क्या है?
दोनों पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्चियों की मौत भूख से हुई है ये साफ हो गया है जबकि डिप्टी सीएम कह रहे हैं कि परिवार ने सोमवार को खाना खाया था तो सिर्फ 24 घंटों के अंदर बच्चों की मौत भूख से होना स्वाभाविक नहीं लगता है.


तीनों बच्चों की मौत कुछ घंटों के अंतराल में कैसे हुई?
अगर भूख से मौत बात को ही सच माना जाए तो ये कैसे संभव है कि तीनों बच्चों की मौत कुछ ही घंटों में आगे पीछे हो जाए ओर वो भी भूख के कारण.


बच्चों की मौत के बावजूद पिता मंगल अब तक वापस क्यों नहीं आए?
बच्चों की मौत के बाद उनके पिता मंगल को तुरंत वापस आना चाहिए था लेकिन वो अभी तक नहीं मिले हैं. क्या उनतक अपने बच्चों की मौत की खबर नहीं पहुंची या किसी विशेष कारण से वो अब तक वापस नहीं आए हैं. क्या उन्होंने अपने बच्चों को भूख की वजह से मरने के लिए छोड़ दिया और इसी कारण से वो पुलिस के हाथ नहीं लग रहे हैं.


पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या आया?
तीन बच्चों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्ची का पेट पूरी तरह से खाली था. जिसकी वजह से मौत हुई है. लाल बहादुर शास्त्री हॉस्पिटल की डॉक्टर अमृता सक्सेना ने कहा, ''तीनों बच्चियों के शरीर में फैट (वसा) नहीं मिला. पोस्टमॉर्टम में साफ है कि पेट बिल्कुल खाली था.'' बच्चों की मौत के बाद दो बार पोस्टमॉर्टम किया गया. पहले लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में कराया गया था. दूसरा पोस्टमॉर्टम जीटीबी अस्पताल में कराया गया. दोनों ही रिपोर्ट में मौत की वजह भूख बतायी गई है.


तीनों बहनों को करीब आठ दिनों से एक निवाला नहीं मिला था और मंगलवार को उन्होंने दम तोड़ दिया. तीनों लड़कियों को जिनकी उम्र दो, चार और आठ साल थी, मंडावली के एक कमरे के घर पर उनके पड़ोसियों ने बेहोशी की अवस्था में पाया था. जिसके बाद पड़ोसियों की मदद से उनकी मानसिक रूप से बीमार मां तीनों लड़कियों को लालबहादुर शास्त्री अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.


लड़कियों के पिता मंगल रिक्शा चलाते हैं
बच्चों के पिता मंगल घर चलाने के लिए रिक्शा चलाते थे. लेकिन पिछले दिनों रिक्शा चोरी हो गई थी. एक अधिकारी के मुताबिक, मंगल मकान मालिक मुकुल मेहरा का रिक्शा चलाता था. पिछले दिनों मेहरा ने उससे किराये की मांग की थी. जब वह पैसा चुकाने में नाकाम रहा तो मकान मालिक ने उसे घर खाली करने के लिए कहा था. घर में खाने के लिए पैसे नहीं थे. मंगलवार को मंगल नौकरी की तलाश में घर से निकले. इसके बाद दोपहर होते-होते तीनों बच्ची बेहोश हो गई. तीनों को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.


बीजेपी-कांग्रेस-आप कर रही हैं एक दूसरे पर पलटवार
इसके बाद कांग्रेस और बीजेपी ने जहां आम आदमी पार्टी (आप) की अरविंद केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा है तो वहीं आप ने कहा कि अभी भी उपराज्यपाल दिल्ली वासियों का राशन रोक रहे हैं. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पूरे मामले की जांच मजिस्ट्रेट को सौंप दी गई है.


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देश का संविधान इस पर क्या कहता है
संविधान के अनुच्छेद 47 के मुताबिक ये सरकारों की जिम्मेदारी है कि लोगों को पौष्टिक आहार मिल सके और वो स्वस्थ्य रहें इसी के तहत 2013 में तब की यूपीए सरकार नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट लेकर आयी जिसके मुताबिक गरीबों को 1 रुपये/किलो मोटा अनाज, 2 रुपये/किलो गेहूं और 3 रुपये/किलो की दर से चावल उपलब्ध कराने का प्रावधान है.