राज्यों में होने वाले चुनावों में चुनावी खर्चे को लेकर गठित हुई 3 सदस्य टीम, खर्चे पर रखी जाएगी पैनी नजर
देश में अलग-अलग राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और उपचुनावों में चुनावी खर्चों की निगरानी के लिए चुनाव आयोग ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है.
नई दिल्ली: बिहार समेत अलग-अलग राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और उपचुनावों में चुनावी खर्चों की निगरानी के लिए चुनाव आयोग ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है. तीन सदस्यीय कमेटी इस बात पर नजर रखेगी कि चुनावों में प्रचार प्रसार के दौरान उम्मीदवारों और राजनीतिक दल कितना पैसा खर्च कर रहे हैं.
केंद्रीय चुनाव आयोग ने जिस 3 सदस्य कमेटी का गठन किया है उसमें हरीश कुमार जो कि पूर्व आईआरएस और डी जी इन्वेस्टिगेशन है उनके साथ ही चुनाव आयोग में सेक्रेटरी जनरल उमेश सिन्हा और चुनावी खर्च पर निगरानी रखने वाले डायरेक्टर जनरल का नाम शामिल है. इन लोगों की जिम्मेदारी है कि बिहार समेत अलग-अलग राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और उपचुनावों में जो पैसा खर्च हो रहा है वो तय सीमा से ज्यादा तो नहीं हो रहा इस बात की निगरानी करेंगे.
चुनावी खर्च की रकम पहले की तुलना में 10 फ़ीसदी बढ़ाने का फैसला लिया था
इससे पहले केंद्रीय कानून मंत्रालय ने चुनावों में बढ़े मतदाताओं की संख्या और लगातार बढ़ रही महंगाई को ध्यान में रखते हुए चुनावी खर्च की रकम पहले की तुलना में 10 फ़ीसदी बढ़ाने का फैसला लिया था. कानून मंत्रालय के फैसले के बाद उम्मीदवार अब लोकसभा चुनावों में अधिकतम 77 लाख और विधानसभा चुनावों में अधिकतम 30.80 लाख रुपए खर्च कर सकते हैं. अभी तक यह खर्च की सीमा लोकसभा चुनावों में अधिकतम 70 लाख रुपये और विधानसभा चुनावों में अधिकतम 28 लाख रुपए की थी. केंद्रीय कानून मंत्रालय का यह फैसला मौजूदा चुनाव में भी लागू होगा.
गौरतलब है कि चुनावी खर्च की रकम बढ़ाने का फैसला इससे पहले साल 2014 में लिया गया था. पिछले 6 सालों के दौरान बढ़ी महंगाई और बढ़े हुए मतदाताओं की संख्या का हवाला देकर लगातार राजनीतिक दल और उम्मीदवार चुनावी खर्च की सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे थे.
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