नई दिल्ली; महाराष्ट्र में नवंबर के महीने में जब नेता सत्ता के लिए बेताब थे, उसी दौरान राज्य में फसल खराब होने के चलते 300 किसानों ने मौत को गले लगा लिया. महाराष्ट्र में जिस वक्त सत्ता लिए नेताओं के बीच खींचतान चल रही थी उसी दौरान चिंचवाड गांव में किसान दौलत राव ने आत्महत्या कर ली। वजह थी कर्ज और फसल की बर्बादी, महज 30 साल की उम्र में दौलत राव पर डेढ़ से दो लाख रुपये का कर्ज था.


राजनीतिक उठापटक के बीच बेमौसम बारिश हुई, बारिश ने खेतों में खड़ी कपास तो खराब की ही, साथ ही साथ कर्ज में किसान की कमर भी तोड़ दी. एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान दौलत के रिश्तेदार ने परिवार का दर्द साझा किया. मृतक किसान के रिश्तेदार बापू घुगे ने बताया कि परिवार की माली स्थिति बेहद खराब थी.


महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या को लेकर आंकड़े चौकाने वाले हैं. नवंबर में 300 किसानों ने मौत को गले लगाया, 112 किसानों ने विदर्भ में आत्महत्या की. मराठवाड़ा में 120 किसानों ने आत्महत्या की है. 2019 में कुल 2532 किसानों ने आत्महत्या की, 2015 में भी एक महीने में 300 किसानों ने आत्महत्या की थी. महाराष्ट्र में उद्धव की सरकार बनने के बाद से अब तक कृषि मंत्रालय किसी को नहीं दिया गया है. कहा जा रहा है कि इसे लेकर कांग्रेस और शिवसेना में पेंच फंसा हुआ है.