मुंबईः महाराष्ट्र में बेमौसम हो रही बरसात ने किसानों का दम तोड़ दिया है. खेतो में खड़ी करीब 70 फीसदी फसल बर्बाद हो चुकी है. राजस्व विभाग की जो रिपोर्ट आयी है उसके मुताबिक सिर्फ बीते नवंबर महीने में महाराष्ट्र के 300 किसानों ने मौत को गले लगा लिया. क्योंकि अपनी बर्बाद हो चुकी फसल का नुकसान वो सहन नही कर सके. इनमें से 112 किसानों ने विदर्भ में और 120 किसानों ने मराठवाड़ा में आत्महत्या की है. इससे पहले इसी तरह से साल 2015 में भी एक महीने के अंदर करीब 300 किसानों के आत्महत्या करने के आकड़े आये थे.
महाराष्ट्र में नवंबर का महीना वो समय था जब राज्य की सभी समस्याओं को भूलकर राज्य के नेता सत्ता के लिये लड़ रहे थे. सभी पार्टी के नेताओं की नजर सिर्फ सत्ता की कुर्सी पर थी. बड़ी बड़ी गाड़ियों में बैठकर वो मुंबई के होटलों का चक्कर काट रहे थे. लेकिन किसानों पर क्या बीत रही थी इसकी खबर किसी ने नहीं ली. ये वही नेता थे जो कुछ दिनों पहले ही वोट के लिये किसानों के दरवाजे पर रोज चक्कर काटते थे लेकिन जब जीते तो मुंबई में कुर्सी के लिए डेरा डाल दिया. फाइव स्टार होटलों का मजा लेने लगे लेकिन महाराष्ट्र के किसानों की खेती पर ऐसी बेमौसम बारिश हुई की वो नुकसान नही सह सके और मौत को गले लगा लिया . महाराष्ट्र की नवनिर्वाचित सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा पाने वाले और किसानों के हक की लड़ाई लड़ने वाले बच्चू कड़ू ने मांग की है कि महाराष्ट्र में एक महीने के अंदर 300 किसानों की आत्महत्या बेहद गंभीर विषय है. इस पर सरकार को जल्द से जल्द कदम उठाना चाहिए. एक साल तक महाराष्ट्र के सभी विकास के कार्य रोक देने चाहिए और किसानों की मदद करनी चाहिए.
आंकड़ों के मुताबिक बीते चार सालों में नवंबर 2019 का ऐसा महीना है जिसमें सबसे ज्यादा 300 किसानों ने आत्महत्या की है. साल 2019 में पूरे साल की बात करें तो एक साल में महाराष्ट्र में 2532 किसानों ने आत्म हत्या की है. वही साल 2018 के आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में 2518 किसानों ने आत्महत्या की जो महाराष्ट्र के उन नेताओं के लिये शर्म की बात है जो सत्ता और कुर्सी के लिये उनकी अनदेखी करते रहे जब वो आत्महत्या लिए मजबूर थे. शिवसेना के नेता, सांसद और सामना अखबार के संपादक संजय राऊत से भी इस मुद्दे पर मीडिया ने बात की. संजय राऊत की पार्टी की इस वक्त महाराष्ट्र में सरकार है. उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री हैं.
उसी नवंबर महीने में जब महाराष्ट्र के किसान आत्महत्या करने के लिये मजबूर थे तो शिवसेना ने अपने विधायकों को मुंबई के फाइव स्टार होटलों में बैठा रखा था. संजय राऊत रोज सुबह सुबह प्रेस वार्ता करते थे. महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाते थे . शिवसेना का मुख्यमंत्री उन्होंने बना भी दिया. लेकिन संजय राऊत से जब सवाल किया गया कि जिस महीने में महाराष्ट्र में सत्ता के लिए वो रोज प्रेसवार्ता करते थे उसी महीने में महाराष्ट्र के 300 किसानों ने आत्म की . इस सवाल पर संजय राऊत कन्नी काटते नजर आये और कहा इस विषय पर संबधित विभाग से सवाल करें.
हालाकि सरकार बनते ही उद्धव ठाकरे ने एलान किया कि महाराष्ट्र के किसान जिनका 2 लाख तक का कर्ज है उसे माफ किया जायेगा और जिनका 2 लाख से ज्यादा कर्ज है उसपर योजना लाई जायेगी. लेकिन महाराष्ट्र में एक महीने के अंदर इतने ज्यादा किसानों की आत्महत्या का आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला है जिसने महाराष्ट्र की जनता, राजनीति और राज्य को बेचैन कर दिया है क्योंकि ये आत्महत्याएं तब हुई जब जनता के सेवक कुर्सी के लिए मुंबई में लड़ रहे थे और उनके किसान मर रहे थे.