नई दिल्ली: भारत के दौरे पर आईं बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना की राष्ट्रपति भवन में विशेष भोज को लेकर तैयारियां शुरू की जा चुकी हैं. शेख हसीना के दिल्ली पहुंचने से पहले ही कुल 32 शेफ राष्ट्रपति भवन की 'फैमली किचन' में पहुंच चुके थे. ये 32 शेफ सिर्फ राष्ट्रपति और उनके करीबियों के लिए खाना बनाते हैं.
लेकिन सबसे खास बात यह है कि इस बार शेख हसीना के लिए तैयार किए जा रहा है मेनू में एक चीज नहीं होगी. यह खास चीज है हिलसा मछली. अब आप सोच रहे होंगे कि राष्ट्रपति भवन में खाना बन रहा है और एक मछली को शामिल नहीं किया जा रहा है तो इसके पीछे की वजह क्या है?
दरअसल हिलसा प्रजाति की मछली कोई मामूली मछली नहीं है. आपको बता दें कि बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल की सरकार ने कानूनी प्रावधान के जरिए 500 ग्राम से कम वजन वाली हिलसा मछली (जुवेनाइल हिलसा ) के खरीद बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी हुई है. मार्च और अप्रैल महीने के दौरान 500 ग्राम से कम वजन वाली हिलसा मछली की संख्या ज्यादा होती है.
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक इस बार शेख हसीना के लिए तैयार किए जा रहे मेनू में भेटकी पटुरी (भेटकी मछली को केले के पत्ते में लपेट कर), चिंगरी माछेर मलाइकरी (नारियल के साथ प्रॉन करी) और चितल माछेर मुट्या (ग्रेवी में मछली पकौड़ी) को शामिल किया गया है. सबसे खास बात यह कि राष्ट्रपति भवन की किचन में खाना बनाने वाले 32 शेफ पर यह दारोमदार है कि खाने का स्वाद ऐसा हो ताकि हिलसा मछली की कमी महसूस ना हो.
साल 2013 में जब शेख हसीना भारत के दौरे पर आईँ थी तब उन्होंने ममता बनर्जी के लिए कई उपहार लेकर आईं थी, जिसमें से एक हिलसा मछली भी थी. इतना ही नहीं जब साल 2013 में प्रणब मुखर्जी बांग्लादेश गए थे तो उनके लिए पांच तरह का डिश तैयार किया गया था, जिसमें हिलसा मछली को भी शामिल किया गया था. हिलसा मछली की कहानी यही खत्म नहीं हुई, साल 2016 में जब ममता बनर्जी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तब शेख हसीना ने उनके लिए हिलसा मछली बतौर गिफ्ट भेजी थी.
आपको जान कर हैरानी होगी की बांग्लादेश दुनिया का एकमात्र देश है जहां साल 2015-16 के दौरान हिलसा मछली की संख्या में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बांग्लादेश में हिलसा के संरक्षण को लेकर कारगर प्रयास किए गए.