नई दिल्ली: रेल मंत्रालय ने समूह ‘घ’की भर्ती प्रक्रिया के दौरान स्वीकृत पदों की संख्या में 32 हजार की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आज राज्यसभा में प्रश्नकाल में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि समूह ‘घ’ में 90 हजार पदों के लिये जारी भर्ती प्रक्रिया के दौरान पदों की संख्या अब बढ़ाकर 1,32,646 कर दी गयी है.
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इससे पहले यह 90 हजार से बढ़ाकर 99 हजार की गयी थी और अब इसमें लगभग 32 हजार का इजाफा किया गया है. रेलवे में ठेकाकर्मियों की भर्ती और नियमित करने से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मौजूदा भर्ती प्रक्रिया के दायरे वाले सभी पदों पर स्थायी नियुक्ति होगी.
उल्लेखनीय है कि रेल मंत्रालय ने तकनीशियन और असिस्टेंट लोको पायलट सहित समूह घ के अन्य पदों पर देशव्यापी भर्ती अभियान शुरु किया है. इसके लिये परीक्षा प्रक्रिया चल रही है. रेलवे में महिलाकर्मियों को बढ़ावा देने के सवाल पर उन्होंने स्वीकार किया कि इस श्रेणी के पदों पर कठिन सेवा शर्तों के कारण महिलायें कम संख्या में आवेदन करती हैं.
रेल सेवाओं में सुधार के उपायों से जुड़े एक अन्य पूरक प्रश्न के जवाब में गोयल ने कहा कि रेल संचालन से लेकर प्रबंधन और सेवाओं के आधुनिकीकरण के लिये मंत्रालय की तरफ से सात हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि से नयी मशीनों की खरीद की जा रही है. अगले साल इसे बढ़ाकर 13 हजार करोड़ रुपये कर दिया जायेगा. उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस काम के पूरा होने के बाद रेल हादसों पर रोक लगेगी.
LLP और तकनीशियनों की रिक्तियां भी बढ़कर हुईं 60 हजार
सहायक लोको पायलट (एएलपी) और तकनीशियनों की 26502 रिक्तियों के लिए परीक्षा में बैठ रहे तकरीबन 48 लाख उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर है. रेलवे ने रिक्तियां दोगुना करते हुए 60,000 कर दी गयी है. पदों के लिए करीब 47.56 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया है और परीक्षा नौ अगस्त को होगी. गोयल ने ट्वीट किया, ‘‘सरकार ने लोको पायलट और टैक्नीशियन के पदों के लिए रिक्तियां 26502 से बढ़ाकर 60000 कर दिया है. इससे रेलवे में नौकरी के और अवसर मिलेंगे.’’
रेलवे ने एक बयान में कहा है कि मंत्रालय ने फरवरी 2018 में सहायक लोको पायलट और तकनीशियनों की भर्ती के लिए 26502 पदों की घोषणा की थी. लेकिन अधिकारियों का कहना है कि रेलवे ने विभिन्न जोन में ऐसी और रिक्तियों को चिन्हित किया है. इसमें कहा गया है कि पदों के लिए समूचे देश ने उम्मीदवारों ने आवेदन किया है.
परीक्षा केंद्र उम्मीदवार के मूल स्थान से काफी दूर दिए जाने के बारे में रेलवे ने साफ किया है परीक्षा केंद्र देने में काफी सावधानी बरती गयी है. बयान में कहा गया है, ‘‘पारम्परिक भर्ती व्यवस्था में विकेन्द्रीकृत तरीके से परीक्षा आयोजित की जाती थी और उम्मीदवारों को आवेदन किए जाने वाले जोन तक सफर करना पड़ता था. केन्द्रीकृत कम्प्यूटर आधारित परीक्षा से यात्रा करने की जरूरत में कमी आती है. ’’
बयान के मुताबिक, ‘‘इस तरह लगभग 40 लाख उम्मीदवारों को उनके अपने शहरों या निकट के शहरों में केन्द्र आवंटित कर दिए गए हैं. लगभग सभी महिला और दिव्यांग उम्मीदवारों को 200 किलोमीटर के दायरे में परीक्षा केन्द्र आवंटित किए गए हैं.’’
बयान में कहा गया, ‘‘हालांकि, उचित परीक्षा केन्द्रों की उपलब्धता संबंधी बाध्यता के मद्देनजर, सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद सबको उनके अपने या निकट के शहरों में समाहित नहीं किया जा सकता है. इसलिए उम्मीदवारों से आग्रह है कि वे निश्चित समय में होने वाली परीक्षा में शामिल होने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था कर लें.’’