बेंगलुरु हिंसा मामले में अबतक 340 लोग गिरफ्तार, दो थाना क्षेत्रों में लगी धारा 144 की अवधि बढ़ी
सोशल मीडिया में की गई एक भड़काऊ टिप्पणी पर मंगलवार को सैकड़ों लोगों ने डीजे हल्ली और आसपास के इलाकों में हिंसा को अंजाम दिया था.
बेंगलुरु: पुलिस ने बेंगलुरु दंगों के सिलसिले में 35 और लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही अबतक गिरफ्तार हुए लोगों की कुल संख्या 340 हो गई है. साथ ही डीजे हल्ली और केजी हल्ली पुलिस स्टेशन की सीमा में आने वाले क्षेत्रों में लगी सीआरपीसी की धारा 144 की अवधि को बढ़ाकर 18 अगस्त की सुबह 6 बजे तक किया गया है.
विधायक ए श्रीनिवास मूर्ति की शिकायत पर डीजे होली पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है. शिकायत के अनुसार, 11 अगस्त को 2000-3000 लोगों ने उनके घर, वाहनों समेत अन्य संपत्तियों में आग लगा दी थी. सोने-चांदी का सामान, वाहन और 3 करोड़ रुपये की अन्य चीजें लूट ली थी.
कांग्रेस ने हाईकोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश से न्यायिक जांच की मांग की बेंगलुरु हिंसा के कारणों का पता लगाने के लिए गठित कांग्रेस की कर्नाटक इकाई की तथ्यान्वेषी समिति ने शनिवार को इस घटना को गृह विभाग और पुलिस की पूर्ण नाकामी करार देते हुए हाईकोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश से मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की. समिति ने यह भी जानना चाहा कि किस आधार पर सरकार के कुछ मंत्री यह बयान दे रहे हैं कि कांग्रेस की अंदरुनी दरार की वजह से यह घटना हुई.
पूर्व उप मुख्यमंत्री और समिति के प्रमुख जी परमेश्वर ने कहा, “सरकार और पुलिस क्या कर रहे थे? आपके पास खुफिया विभाग नहीं है क्या?...” उन्होंने दावा किया कि गृह विभाग और पुलिस की पूर्ण विफलता की वजह से यह घटना हुई.
राज्य सरकार ने बेंगलुरु शहरी उपायुक्त जी एन शिवमूर्ति को हिंसा की मजिस्ट्रेट जांच की जिम्मेदारी सौंपी है. पुलाकेशीनगर के कांग्रेस विधायक आर अखंड श्रीनिवास मूर्ति के एक रिश्तेदार पी नवीन द्वारा कथित तौर पर सोशल मीडिया में की गई एक भड़काऊ टिप्पणी पर मंगलवार को सैकड़ों लोगों ने डी जे हल्ली और आसपास के इलाकों में हिंसा को अंजाम दिया था. इस घटना के एक दिन बाद जी परमेश्वर के नेतृत्व में कांग्रेस ने हिंसा के कारणों का पता लगाने के लिये छह सदस्यीय तथ्यान्वेषी समिति गठित की थी.
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