महाराष्ट्र हाईवे पर रोजाना 35 लोगों की हो रही है मौत, हादसों पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन उठायेगा ये कदम
महाराष्ट्र हाईवे पुलिस के आकड़ों की माने तो रोज़ाना करीबन 35 लोगों की मौत हाईवे पर एक्सीडेंट्स की वजह से होती है.
महाराष्ट्र में करीबन 40 हजार किलोमीटर में हाईवे फैला हुआ है और ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कितनी गाड़ियां इन रास्तों से रोज़ाना गुजरती होंगी. महाराष्ट्र हाईवे पुलिस के आकड़ों की माने तो रोज़ाना करीबन 35 लोगों की मौत हाईवे पर एक्सीडेंट्स की वजह से होती है.
महाराष्ट्र हाईवे के ADG कुलवंत सारंगल ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में बताया कि ये एक्सीडेंट्स कई बार इंजीनियरिंग फोल्ट, मानव भूल या मौसम की वजह से होते हैं. ऐसे में लोगों को हाइवे पर चलते समय संभलकर चलना चाहिए. साल 2019 में हाइवे पर कुल 32925 एक्सीडेंट्स हुए जिसमें 12788 लोगों की मौत हुई थी यानी कि उस साल में एक दिन में 35 लोगों की मौतें हुई थी और 28628 लोग जख़्मी हुए थे.
साल 2021 में एक दिन में 37 लोगों की मौतें हुई
साल 2020 में हाइवे पर कुल 24971 एक्सीडेंट्स हुए थे जिसमें से 11569 लोगों की मौतें हुई थी यानी कि उस साल में एक दिन में 32 लोगों की मौतें हुई थी और 19914 लोग जख़्मी हुए थे. साल 2021 में हाइवे पर कुल 29494 एक्सीडेंट्स हुए थे जिसमें से 13528 लोगों की मौतें हुई थी यानी उस साल में एक दिन में 37 लोगों की मौतें हुई थी और 23080 लोग जख़्मी हुए थे.
सारंगल ने बताया की महाराष्ट्र के साथ 4 और राज्यों ने इंटिग्रेटेड रोड एक्सिडेंट डेटाबेस नाम के सोफ्टवेयर का इस्तेमाल करना शुरू किया है. इसमें हम रोज़ाना के एक्सीडेंट्स की जानकारी फीड करते हैं और आने वाले कुछ समय में हमारे पास इतना डेटा जमा हो जाएगा जिसका विश्लेषण करने के बाद हमें इतना पता चलेगा कि किस जगह क्या करने से हम एक्सीडेंट्स पर नियंत्रण ला सकेंगे.
सारंगल ने आगे बताया कि महाराष्ट्र के हाइवे पर 1377 के करीब ब्लैक स्पॉट हैं जहां कई एक्सीडेंट्स होते रहते हैं. ये ऐसे स्पॉट होते हैं जहां 5 या उससे ज़्यादा एक्सीडेंट्स होते हैं. महाराष्ट्र पूलिस के अनुसार नाशिक रुरल में कुल 98 ब्लैक स्पॉट हैं जहां बहुत एक्सीडेंट्स होते हैं. इसके अलावा सातारा जहां 85 ब्लैक स्पॉट हैं, औरंगाबाद सिटी में 83 ब्लैक स्पॉट हैं.
हज़ारों करोड़ का इ-चलान रिकवर करना बाकी
सारंगल ने बताया की हमने अब तक 5.20 करोड़ लोगों को ट्रैफिक के अलग-अलग नियमों को तोड़ने के आरोप में इ-चलान जारी किया है जिसमें से करीब 2 करोड़ लोगों ने ही इ-चलान भरा है बाकी लोगों ने नहीं भरा. वहीं अगर देखा जाए तो हमें कुल 2200 करोड़ रुपए उनसे वसूलने थे जिसमें से अब भी 1300 करोड़ रुपए अब तक लोगों ने नहीं चुकाए हैं. सारंगल ने आगे बताया कि ये पैसे वसूलने के लिए हमने राष्ट्रीय लोक अदालत का रुख़ किया जिसके बाद कई लोगों ने पैसे भरे पर अब भी कई ऐसे लोग हैं जो पैसे नही भरते जिन्हें आगे चलकर कोर्ट के चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं.
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