देश की सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों के बारे में एक हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई है. इस जानकारी में 2017 से केंद्र और राज्य सरकारों से जुड़े लगभग 35,000 मामले सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं. यह जानकारी सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में दी थी. दरअसल राज्यसभा में इसके बाबत एक सवाल पूछा गया था.


मामलों की अपेक्षा नहीं बढ़ा पाए अदालतों की संख्या


इस सवाल में पूछा गया कि क्या सरकार को पता है कि केंद्र और राज्य सरकारों के खिलाफ मामले पिछले कुछ वर्षों में कई गुना बढ़ गए हैं. इस पर जवाब देते हुए कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि केंद्र सरकार को इस बात की जानकारी है कि देश में राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर किये गये मामलों की संख्या बढ़ी है जिसकी तुलना में अदालतों की संख्या नहीं बढ़ पाई है.  


राज्य सरकारों के खिलाफ भी लंबित हैं कई हजार मामले 


इंटीग्रेटेड केस मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम से प्राप्त आंकड़ों को कोट करते हुये रिजिजू ने 26 मार्च तक के आंकड़ों का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में 2017 से केंद्र और राज्य सरकारों के खिलाफ लंबित मामलों की संख्या बताई है.


वहीं रिजिजू के अनुसार शीर्ष अदालत में 1,807 मामले लंबित हैं जहां केंद्र एक याचिकाकर्ता है जबकि 6,104 मामले लंबित हैं जहां केंद्र सरकार उन मामलों में प्रतिवादी है. इसी तरह 2017 से शीर्ष अदालत में कुल 6,426 मामले लंबित हैं  जिनमें राज्य सरकार याचिकाकर्ता है और वहीं 20,637 मामले लंबित हैं जहां राज्य सरकार प्रतिवादी है. 


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