नई दिल्ली: सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर पुनर्विचार याचिका पर फैसला बड़ी बेंच को सौंप दिया है. कोर्ट इस पर आज फैसला सुनाने वाला था लेकिन 5 जजों की बेंच ने कहा कि परंपराएं धर्म के सर्वमान्य नियमों के मुताबिक हों और आगे 7 जजों की बेंच इस बारे में अपना फैसला सुनाएगी. जिससे यह साफ है कि फिलहाल मंदिर में कोर्ट के पुराने फैसले के मुताबिक महिलाओं की एंट्री जारी रहेगी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर 2018 को अपने फैसले में कहा था कि महिलाएं सबरीमाला मंदिर में प्रवेश कर सकती हैं.


आज के अपने फैसले में भी उसी फैसले को कायम रखे हुए सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री को जारी रखा है और इस पर स्टे देने से साफ इनकार कर दिया है. कोर्ट में इस मुद्दे पर राय बंटी नजर आई. 5 जजों की बेंच के 2 जज पुनर्विचार याचिका को खारिज करने के पक्ष में थे लेकिन बाकी 3 जजों ने इस मुद्दे को बड़ी बेंच के पास भेजने का फैसला बहुमत के आधार पर लिया है.


वहीं अब रविवार को दो महीने के लिए सबरीमाला मंदिर के द्वार फिर एक बार खुलेंगे. मंदिर में प्रवेश करने के लिए अब तक 36 महिलाओं ने ऑनलाइन रजिस्टर भी कर लिया है. हालंकि इनमें से कुछ रजिस्ट्रेशन आईएस फैसले से पहले किए गए. पिछले साल सितंबर में फैसले के बाद महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश करना चाहा. उस दौरान काफी हिंसक प्रदर्शन देखे गए थे. इस बार भी ऐहतियात के तौर पर सुरक्षा कड़ी की जा रही है.


हालांकि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने नए फैसले पर अपना बयान नहीं दिया है लेकिन देवासोम के मंत्री कदकंपल्ली सुरेंद्रन ने मीडिया से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पूरी तरह माना जाएगा. हालंकि महिलाओं को मंदिर में जाने को लेकर उन्होंने कुछ नहीं कहा. इससे पहले कोर्ट के फैसले के बाद सीएम ने महिलाओं को मंदिर तक जाने के लिए सुरक्षा दी थी. जिसके बाद राज्य भर में और खास कर सबरीमाला में हिंसा हुई. ऐसे में दो महीने के लिए फिर एक बार रविवार को जब मंदिर खुलेगा तब देखना होगा कि महिलाओं की एंट्री हो पाती है या नहीं.