नई दिल्लीः देश में जानलेवा कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार के कारण स्थिति भयावह बनते जा रही है. तमाम उपायों के बावजूद संक्रमण के ताजा आंकड़े सिरहन पैदा करने वाले हैं. वर्तमान में यहां कोरोना के लगभग 20 लाख केस सामने आ चुके हैं. हालांकि, भारत में कुल मामलो के 38 प्रतिशत केस सिर्फ पांच राज्यों से आए हैं. इसमें आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार शामिल हैं. 16 जुलाई तक जब देश में कोरोना के 10 लाख मामले थे, तब इन राज्यों से 19 प्रतिशत केस सामने आए थे.


देश में कुल 10 लाख मामले पहुंचने तक में दिल्ली के जहां लगभग 12% केस शामिल थे, वहीं दूसरे 10 लाख मामलों में यहां 3% से कम मामले रिपोर्ट हुए हैं. इन आंकड़ों से पता चलता है कि वायरस के प्रसार में ज्योग्राफिकली पिछले तीन हफ्तों में कैसे बदलाव हुआ है.


देश में कुल 10 लाख केस आने तक राज्यों की स्थिति


16 जुलाई तक जब भारत के कुल मामलों ने 10 लाख के आंकड़े को पार किया तब इन सभी मामलों में से लगभग 55% मामले तीन राज्यों से सामने आए थे. इन कुल मामलों में अकेले महाराष्ट्र (2,84,281 मामले) से 28.3% मामले आए थे. इसके बाद तमिलनाडु (1,56,369 मामले) 15.6% और दिल्ली (118,645 मामले) 11.8% की हिस्सेदारी थी.


दूसरे 10 लाख केस आने तक राज्यों की स्थिति


16 जुलाई के बाद देश में वायरस के फैलने के तरीके में बहुत बदलाव आया. वायरस से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में शामिल रही दिल्ली में मामलों की संख्या में कमी आई. पहले 10 लाख मामलों में जहां इसका हिस्सा 11.8% था, वहीं दूसरे 10 लाख मामलों में यह घटकर 2.2% रह गया. हालांकि, 16 जुलाई के बाद भी महराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र रहा जहां से दशे के कुल मामलों में से लगभग पांचवें हिस्से के मामले सामने आए.


वहीं, आंध्र प्रदेश आठवें स्थान से दूसरे स्थान पर आ गया जहां से लगभग 16% मामले सामने आए जबिक तमिलनाडु 16 जुलाई के बाद 1,22,775 मामलों के साथ तीसरे नंबर पर रहा जहां से 12.1% मामले सामने आए हैं.


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