नई दिल्ली: इराक में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) की शिकार बने 39 भारतीयों के शवों को 2 अप्रैल को वतन वापस लाया जाएगा. विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह शवों को वापस लाने के लिए विशेष विमान से इराक जाएंगे. उन्होंने करीब 4 सालों तक लापता रहे 39 भारतीयों के बारे में पता लगाने में सक्रिय भूमिका निभाई है.


20 मार्च को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में भारतीयों की मौत की जानकारी दी थी. उन्होंने कहा था कि इराक के मोसुल में 2014 में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) द्वारा अगवा किए गए 39 भारतीयों की मौत हो चुकी है.


सुषमा ने कहा था कि, "जनरल वीके सिंह इराक जाकर भारतीयों के अवशेष वापस लाएंगे. अवशेष लाने वाला विमान पहले अमृतसर पहुंचेगा, फिर पटना और उसके बाद कोलकाता जाएगा." उन्होंने कहा था कि रडार की मदद से भारतीयों के शवों का पता लगाया गया. शवों को कब्रों से निकाला गया और डीएनए जांच के जरिए पहचान की पुष्टि हो सकी है.


मृतकों में 31 पंजाब के, चार हिमाचल प्रदेश और दो-दो बिहार और बंगाल के हैं. ये सभी मजदूर थे और इन्हें मोसुल में इराक की कंपनी ने नियुक्त किया था. साल 2014 में जब आईएस ने इराक के दूसरे सबसे बड़े शहर मोसुल को अपने कब्जे में लिया था, तब इन भारतीयों को बंधक बना लिया गया था.


कांग्रेस ने भारतीयों की मौत पर कहा था कि जानबूझकर जानकारी में देरी की गई. परिजनों को झूठी दिलासा दिया गया. वहीं सरकार का कहना है कि बिना ठोस सबूत के सरकार किसी की मौत की पुष्टि नहीं कर सकती.


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