इराक में 39 भारतीयों की हत्या: परिवार वालों ने कहा- सरकार ने हमें अंधेरे में रखा, कांग्रेस बोली- 2 करोड़ का मुआवजा मिले
चार साल पहले एबीपी न्यूज़ ने बता दिया था कि आतंकी संगठन IS ने सभी लोगों की हत्या कर दी है. अब सरकार की पुष्टि के बाद सभी 39 लोगों के परिवारों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है.
नई दिल्ली: इराक में लापता हुए 39 भारतीय अब जिंदा नहीं हैं. चार साल बाद अब सरकार ने कह दिया है कि इन 39 भारतीयों की हत्या हो चुकी है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को इनकी मौत की पुष्टि की. सुषमा ने कहा कि लंबी खोज के बाद भारतीयों के शव मिल चुके हैं. हालांकि, 4 साल पहले एबीपी न्यूज़ ने बता दिया था कि आतंकी संगठन ISIS ने सभी लोगों की हत्या कर दी है. अब सरकार की पुष्टि के बाद सभी 39 लोगों के परिवारों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. चार साल से अपनों का इंतजार कर रहे इन परिवारों की उम्मीदें टूट गई हैं. अब ये सरकार से गुस्सा हैं कि इन्हें अंधेरे में क्यों रखा गया.
पंजाब के गुरदासपुर का रहने वाला हरजीत मसीह इराक से बचकर भाग आया था. हरजीत ने दावा किया था कि उसी के सामने 39 भारतीय लोगों का कत्ल कर दिया गया था. हालांकि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का कहना है कि हरजीत की कहानी सच्ची नहीं है लेकिन हरजीत मसीह अपने दावे पर कायम है कि उसके सामने ही आईएस ने सभी 39 भारतीयों को मारा.
दर्द की कहानी
अमृतसर के मजीठा का रहने वाला सोनू उन 39 भारतीयों में से एक था जो इराक के मोसुल में मारे गए. पत्नी रो-रो कर कह रही हैं कि आखिरी बार जून 2014 में उससे बात हुई थी और तब से सिर्फ इंतजार कर रही हूं. गुरदासपुर के तलवंडी गांव का धरमिंदर अब इस दुनिया में नहीं है. उसके परिवार को दुख इस बात का भी है कि 4 साल तक उन्हें धोखे में रखा गया और ये भरोसा दिलाया गया कि जल्द ही उनका बेटा वापस आ जाएगा.
अमृतसर के मनजिंदर सिंह की बहन गुरपिंदर भी यही सवाल उठा रही हैं कि सरकार को अगर ये जानकारी मिलीं तो पहले परिवार को क्यों नहीं बताया गया. अमृतसर के गुरचरण सिंह 2013 में इराक गए थे. बीमारी की हालत में भी उनके पिता को अब तक ये उम्मीद थी कि बेटा लौटेगा. पत्नी भी इसी आस में दिन काट रही थीं लेकिन अचानक मिली मौत की खबर इस परिवार के लिए किसी सदमे से कम नहीं है.
कपूरथला के मुरार गांव में रहने वाला गोबिंदर सिंह का परिवार इस बात से नाराज है कि सरकार ने सिर्फ भारतीयों की मौत की पुष्टि कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया. परिवार का कहना है कि जब तक सरकार मदद का एलान नहीं करती तब तक वो गोबिंदर का शव लेने नहीं जाएंगे.
इराक में मारे गए 39 भारतीयों में 6 बिहार के थे. सीवान के संतोष तिवारी की पत्नी पूनम का भी बुरा हाल है. हिमाचल प्रदेश के रहने वाले इंदरजीत के घर में भी मातम पसरा हुआ है. परिवार का कहना है कि सरकार के बार-बार दिए भरोसे से उन्हें ये उम्मीद थी कि इंदरजीत वापस आएगा. लेकिन अब बाकी परिवारों की तरह उन्हें भी लग रहा है कि 4 साल से उन्हें धोखे में रखा गया.
कांग्रेस की मांग
कांग्रेस ने इराक में बंधक बनाये गये 39 भारतीयों की मौत को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार पर मामले को संवेदनशील ढंग से नहीं निपटाने का आरोप लगाया. कांग्रेस ने मांग की कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को इसके लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए. साथ ही पार्टी ने यह भी कहा कि प्रत्येक मृतक के निकट परिजन को सरकार की ओर से दो करोड़ रुपये दिये जाएं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इन भारतीयों की मौत पर स्तब्धता जताते हुए गहरा शोक व्यक्त किया है.
पार्टी महासचिव अंबिका सोनी ने कहा कि इस घटना को लेकर न केवल विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को मृतकों के परिजन से माफी मांगनी चाहिए बल्कि उन्हें अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल और पूर्व केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत के साथ सार्वजनिक तौर पर भी इसके लिए माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इराक में बंधक बनाये गये इन भारतीयों का मामला जुलाई 2014 से ही उठा रही थी. उसने संसद में विदेश मंत्री को तमाम सबूत दिये जिनमें यह दावा किया गया था कि इन बंधक भारतीयों की जिदंगी खतरे में है या उन्हें मार दिया गया.