सुषमा स्वराज ने कहा, ''हमने सभी के डीएनए सैंपल इराक भेजकर शवों से मैच करवाया, 39 भारतीयों में से 38 लोगों के डीएनए मैच हो चुके हैं. एक शख्स का 70 प्रतिशत डीएनए मैच किया।''
सुषमा ने कहा कि इराक सरकार ने 39 लापता भारतीयों के बारे में जानकारी निकालने में मदद की, हमने सामूहिक कब्रगाह में शवों की खोज करवाई. मृतकों का शव भारत लाने के लिए कार्रवाई शुरू हो चुकी है और जल्द ही वापस लाया जाएगा.
सुषमा ने कहा कि मरने वालों में 31 लोग पंजाब के, 4 हिमाचल प्रदेश के और पश्चिम बंगाल-बिहार के 2-2 लोग शामिल हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि लापता भारतीयों के बारे में पता लगाना काफी मुश्किल था लेकिन वीके सिंह की तत्परता और इराक सरकार की मदद से यह संभव हो पाया.
39 भारतीय की मौत पर Live Update:-
01:50 PM: मारे गये भारतीयों में शामिल देवेंदर सिंह की पत्नी मनजीत कौर ने कहा, मेरे पति 2011 में मोसुल गये थे और उने 15 जून 2014 को अंतिम बार बात हुई थी. हमारी सरकार से कोई मांग नहीं है.
इराक के मोसुल में पहाड़ के नीचे दबे थे 39 भारतीयों के शव, DNA जांच से हुई पहचान- सुषमा ने बताई पूरी कहानी
01:05 PM: 39 भारतीयों में अमृतसर के मंजिंदर सिंह भी थे शामिल, परिवार शोकाकुल
01:00 PM: मारे गये भारतीय के एक परिजन ने कहा, हमें सूचना मिली की मेरे भाई को अगवा कर लिया गया. उसके बाद हमें कोई जानकारी नहीं मिली. मेरा दो बार डीएनए किया गया लेकिन कोई सूचना नहीं दी गई.
12:50 PM: विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा, हर चीज में वक्त लगता है, सुषमा जी ने साफ कहा कि हम तब तक मरने की घोषणा नहीं कर सकते थे जब तक की सही सबूत न मिल जाए. किसी को गुमराह नहीं किया गया.
12:40 PM: राज्यसभा में नेता कांग्रेस गुलाम नबी आजाद ने कहा, कांग्रेस पार्टी मारे गये भारतीयों के परिवार के साथ है.
12:30 PM: 39 भारतीयों में से एक मजिंदर सिंह की बहन गुरपिंदर कौर ने कहा कि उन्हें पहले सूचना नहीं दी गई. उन्होंने कहा, ''चार साल पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि वह जिंदा है. आप दूसरी खबरों पर विश्वास न करें. हम बातचीत के इंतजार में थे. हमें सूचना नहीं दी गई. संसद में बयान के बाद हमें पता चला. हमें मौत के सबूत दिये जाएं.''
11:44 AM: सुषमा स्वराज के राज्यसभा में बयान के कुछ देर बाद हंगामा, सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित.
11:44 AM: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने दुख जताते हुए कहा, सरकार ने क्यों साढ़े तीन सालों तक देश को झूठी उम्मीद में रखा की वो जिंदा हैं? यह निराशाजनक व्यवहार था.
11:40 AM: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 39 भारतीयों की मौत पर जताया दुख
11:20 AM: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 39 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की
2014 से लापता थे भारतीय
जून 2014 में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के मोसुल शहर पर कब्जा करने के बाद से 39 भारतीय शहर से लापता हो गए थे. आपको बता दें कि भारतीय विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने अक्टूबर और जुलाई में इराक का दौरा किया था. सुषमा ने जुलाई में कहा था, "मैं दोहराती हूं कि मैं उन्हें (लापता भारतीयों) तब तक मृत घोषित नहीं करूंगी, जब तक हमें इस बारे में पुख्ता सबूत नहीं मिल जाते."
एबीपी न्यूज़ इराक के मोसुल से सिर्फ 88 किलोमीटर दूर कुर्दिस्तान की राजधानी इरबिल में पहुंचा था. तब तक मोसुल ISIS के कब्जे में पहुंच चुका था. इस आतंकी संगठन ने भारतीय मजदूरों को अगवा किया था. ज्यादातर मजदूर पंजाब के रहने वाले थे और 3700 किलोमीट दूर रोजी की तलाश में मोसुल पहुंचे थे.
पहले थी जेल में होने की उम्मीद
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उम्मीद जताई थी कि जिन 39 भारतीयों का अपहरण किया था वह इराक की जेल में कैद हो सकते हैं. पीड़ितों के परिवार वालों के साथ बात करने के बाद सुषमा ने कहा था कि ये लोग बदुश जेल में कैद हो सकते हैं. बदुश, मोसुल से 31 किलोमीटर की दूरी पर है. विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने बगदाद में इराक के विदेश मंत्री इब्राहिम अल जाफरी से मुलाकात की थी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का एक पत्र उन्हें सौंपा था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि इराक में भारत के राजदूत और अरबिल में महावाणिज्य दूत (Consul General) को प्राथमिकता के साथ भारतीय नागरिकों का पता लगाने के प्रयास करते रहने के निर्देश दिये गये हैं.