नई दिल्ली: ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने और तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने वालों की अब खैर नहीं है. दिल्ली पुलिस ने अपने ट्रैफिक से जुड़ी हुई तकनीक में बड़ा बदलाव किया है. दिल्ली पुलिस की ओर से ऐसी टेक्नोलॉजी वाले उपकरण खरीदे जा रहे हैं, जिनके जरिए ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने वाले लोग कैमरे में कैद हो जाएंगे और उन पर अपने आप ही जुर्माना लग जाएगा. यह उपकरण 3D रडार टेक्नोलॉजी से लैस होंगे और इनमें एक साथ कई गाड़ियों को की मूवमेंट को कैद करने की क्षमता होगी.


शुरू किया जा चुका है ट्रायल


ट्रायल के तौर पर इन उपकरणों को दिल्ली के कुछ इलाकों में शुरू भी किया जा चुका है. जिस भी जगह इस नई टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल किया जा रहा है, वहां 12 हाई डेफिनिशन कैमरों को लगाया जाएगा. इन कैमरों के साथ लगे सेंसर गाड़ी की स्पीड के साथ नंबर प्लेट को डिटेक्ट करेंगे और गाड़ी के रोकने से लेकर पॉर्क होने की जगह को भी रिकॉर्ड कर लेंगे.


दिल्ली पुलिस अब तक कैमरों का इस्तेमाल स्पीड में चलने वाली गाड़ियों को पकड़ने के लिए ही करती है. लेकिन अब इन डिवाइस में लगी जीपीएस तकनीक के जरिए गाड़ियों के गलत पॉर्क होने को भी ट्रेक किया जा सकेगा. जब तक कि एक नया सिस्टम रूम तैयार नहीं हो जाता तब तक इन कैमरों का लिंक सीधे कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा.


कैमरे में कैद होगा गाड़ी का नंबर


एक बार जब ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने वाला कैमरे में कैद होगा, उसके बाद उसकी गाड़ी की तस्वीर कैमरे में कैद हो जाएगी. साथ ही गाड़ी के मालिक की पहचान करके उसके पास सिग्नल तोड़ने का नोटिस भेज दिया जाएगा. नियम तोड़ने वाले इंसान को कोर्ट में जाकर जुर्माना भरना होगा.


हर दिन 3 हजार लोग तोड़ते हैं ट्रैफिक सिग्नल


दिल्ली पुलिस के पास हर दिन ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने के 3 हजार से ज्यादा मामले आते हैं. ऐसे में नई टेक्नोलॉजी के आने के बाद पुलिस को उनका चालान काटने के लिए रोकना नहीं पड़ेगा, क्योंकि नए सिस्टम के जरिए नोटिस अपने आप ही भेज दिया जाएगा.


नए टेक्नोलॉजी के जरिए ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने वालों के अलावा उन लोगों का चालान होगा जो कि गाड़ी को सही लेन में नहीं चलाएंगे. साथ ही गाड़ी चलाते समय फोन पर बात करने वाले, सीट बैल्ट का इस्तेमाल नहीं करने वाले और बाईक चलाते समय हेलमेट नहीं पहनने वालों का भी चालान किया जाएगा.