मनसुख हत्या और एंटीलिया मामले में हाल ही में गिरफ्तार हुए आरोपियों से जुड़े कई खुलासे एनआईए कर रही है. एनआईए ने यह भी दावा किया है कि अब तक गिरफ्तार हुए 10 लोगों के अलावा और भी आरोपी इस पूरी साजिश में शामिल थे और उनकी मीटिंग कई बार हुई है.
एनआईए ने आज सतीश मोठिकुरी और मनीष सोनी को कोर्ट में पेश किया और 5 दिनों की एनआईए की कस्टडी की मांग की. एनआईए के वकील ने कोर्ट में बताया कि हमने संतोष शेलार के घर की तलाशी के दौरान 35 हजार से ज्यादा की रकम जप्त की है. हमें पता लगाना है कि यह पैसे कहां से आये थे.
गिरफ्तार पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा ने आरोपियों को फर्जी सिम कार्ड मुहैया कराए थे
इस पर कोर्ट ने एनआईए से पूछा 35 हजार इतना बड़ा अमाउंट नहीं है, एनआईए ने जवाब में कहा कि लोग 5-5 हजार रुपयों के लिए हत्या कर देते हैं इस वजह से इन पैसों के बारे में जानकारी लेना जरूरी है. एनआईए ने यह भी बताया कि इस मामले में गिरफ्तार पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा ने आरोपी संतोष शेलार, आनंद जाधव, सतीश और मनीष को फर्जी सिम कार्ड मुहैया कराए थे.
एनआईए ने यह भी दावा किया है कि उन्हें इस साजिश की जांच के दौरान 45 लाख रुपये के ट्रांसजेक्शन से जुड़े सबूत मिले हैं और जबकि पूरी साजिश में करोड़ों रूपये का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा सतीश, मनीष, सतीश, और आनंद हत्या के बाद छुपने के लिए नेपाल भी गए थे, एनआईए अब यह पता लगा रही है कि आखिर ये यात्रा करना इनके लिए संभव कैसे हुई.
सीसीटीवी में हुआ अहम खुलासा
एनआईए के सूत्रों ने बताया कि उन्हें एक सीसीटीवी मिला है जो की ठाणे के घोडबंदर इलाके का है उस फुटेज में दिखाई दे रहा है कि लाल रंग की टेवरा गाड़ी खड़ी है और गाड़ी के बाहर संतोष शेलार गाड़ी से टेक लगाकर खड़ा है और तभी दूरी कार आती है जिसमें से मनसुख को निकालकर टवेरा गाड़ी में बैठा दिया जाता है.
टवेरा में बैठाते समय संतोष मनसुख के पीठ पर हाथ से थपथपाते हुए भी दिखाई पड़ता है. एनआईए इसे काफी अहम सबूत मानती है जिसमें यह साबित होता है कि हत्या के समय सारे आरोपी वहीं मौजूद थे.
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