रोहिणी जिला पुलिस ने 29 मार्च को बुध विहार थाना इलाके के रोहिणी सेक्टर 24 में हुई दो करोड़ रुपये की लूट के मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके पास से 1 करोड़ 80 लाख 73 हज़ार 500 रुपये बरामद कर लिए हैं. पुलिस के अनुसार आरोपियों के नाम दीपक, शान मोहम्मद, नवनीत गौरी उर्फ नोनू और साहिल खान है. दीपक मुख्य आरोपी है, जिसने इस लूट की साजिश रची थी. दीपक पहले पुरानी दिल्ली के एरिया में काम कर चुका है और उसे इस बात की जानकारी भी रहती है कि कूचा महाजनी, कूचा घासीराम, लाहौरी गेट आदि इलाके में काफी मोटी रकम का लेनदेन होता है. 


सीसीटीवी कैमरे से हुई दीपक की पहचान


रोहिणी जिले के डीसीपी प्रणव तायल ने बताया कि 1 करोड़ 97 लाख की लूट की घटना के बाद इस मामले की जांच में न केवल बुध विहार थाना पुलिस बल्कि स्पेशल स्टाफ, साइबर सेल व अन्य थाने की पुलिस को भी लगाया गया था. पुलिस की 4 टीमें लगातार इस मामले को सुलझाने के प्रयास में जुटी हुई थी. साइबर सेल के एसएचओ इंस्पेक्टर अजय दलाल ने सीसीटीवी फुटेज पर फोकस किया और उन्हें इस दौरान कामयाबी भी मिली. कूचा घासी राम से एक सीसीटीवी फुटेज में उन्होंने कुछ लड़कों को एक जगह पर काफी देर तक खड़े हुए पाया. जब उनमें से एक व्यक्ति जिसने सफेद रंग के कपड़े पहने हुए थे, उसकी फोटो आसपास के लोगों को दिखाई तो उसकी पहचान दीपक के रूप में की गई. यह भी जानकारी मिली कि दीपक ने कुछ समय पहले गीता कॉलोनी थाना इलाके में एक करोड़ की लूट को भी अंजाम दिया था और इस लूट के मामले में वह गिरफ्तार भी हुआ था. फिलहाल वह पैरोल पर बाहर चल रहा था. पुलिस को दीपक का नया मोबाइल नंबर भी हाथ लग गया. इसके बाद एसीपी आपरेशन्स ब्रह्मजीत सिंह की देखरेख में साइबर सेल के साथ-साथ स्पेशल स्टाफ इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह, एसआई जगदीश, एएसआई हेमेंद्र राठी आदि की टीम ने लुटेरों की तलाश शुरू की पुलिस को जानकारी मिली कि दीपक वृंदावन इलाके में है जिसके बाद पुलिस वृंदावन के लिए रवाना हो गई.


200 से ज्यादा होटल खंगाले


पुलिस का दावा है कि दीपक का सुराग मिलने के बाद रोहिणी जिला की पुलिस टीम तुरंत ही वृंदावन के लिए रवाना हो गई. वृंदावन के लगभग 200 से ज्यादा होटलों को चेक किया गया और इसी क्रम में दीपक को स्विफ्ट कार में जाते हुए देखा गया. जिसके बाद लगभग 8-10 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद दीपक को दबोच लिया गया. दीपक के साथ उसकी एक महिला मित्र भी मौजूद थी. 


रेकी के दौरान नरेंद्र कुमार को 4 बैग कार में रखवाते हुए देखा था


पुलिस के अनुसार पूछताछ के दौरान दीपक ने खुलासा किया कि 29 मार्च को वह अपने साथियों के साथ पहले से ही कूचाघासी राम के आसपास रेकी कर रहा था और उसने जब नरेंद्र कुमार अग्रवाल को 3 बैग लाते हुए देखा, तो वह समझ गया कि बैग में काफी मोटी रकम है. उसने अपने साथियों के साथ नरेंद्र कुमार अग्रवाल की कार का पीछा करना शुरू कर दिया था. जैसे ही कार रोहिणी सेक्टर 24 में पहुंची, तो दीपक ने स्कूटी से ओवरटेक कर कार को रुकवा लिया और फिर कार के ड्राइवर धर्मेंद्र से गाली गलौज करने लगा. उसने कार की ड्राइवर साइड की खिड़की का शीशा तोड़ा और चाबी भी जबरन निकाल ली. तभी पीछे से एक बाइक पर सवार दो लुटेरे और आए, जिन्होंने कार की डिक्की के अंदर से रुपयों से भरे बैग निकाल लिए और फरार हो गए. ये सारी वारदात सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में भी कैद हुई है. 


दीपक हर वारदात में बदलता है साथी


पुलिस के अनुसार दीपक इस पूरी वारदात का मास्टरमाइंड था. उसने साल 2020 में भी गीता कॉलोनी इलाके में एक करोड़ रुपये की लूट की वारदात को अंजाम दिया था. इसके अलावा वह लूट की दो और वारदातों में फरार भी चल रहा है. वह इस समय पैरोल पर बाहर आया हुआ था और पैरोल पर रहते हुए भी उसने लूट की इन वारदातों को अंजाम दिया. दीपक ने बताया कि वह हर वारदात में अपने साथ अलग लड़कों को रखता है. लूट की रकम का सबसे बड़ा हिस्सा वह खुद रखता है और थोड़ी बहुत रकम अन्य साथियों में बांटता है. इस वारदात में भी उसने अपने तीन साथियों को केवल 32 लाख रुपये ही बांटे थे. बाकी की रकम उसने अपने पास रखी थी. फिलहाल पुलिस ने लगभग 10 लाख रुपये के खर्चे का आंकड़ा भी जुटा लिया है.


हर वारदात के बाद महिला मित्र के साथ किसी न किसी धार्मिक स्थल पर जाता था


दीपक ने पुलिस को ये भी बताया कि वह लूट के हर वारदात को अंजाम देने के बाद अपनी महिला मित्र के साथ किसी न किसी धार्मिक स्थल पर जरूर जाता था. इस बार भी वह वारदात को अंजाम देने के बाद वृंदावन गया हुआ था.


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