मध्य प्रदेश के देवास जिले के एक अस्पताल में चार कोरोना वायरस रोगियों की मौत हो गई. वहीं कई अन्य लोगों को बुधवार को लगभग सात घंटे तक अपर्याप्त स्तर की ऑक्सीजन के साथ छोड़ दिया गया. अमलतास आयुर्विज्ञान संस्थान राज्य सरकार द्वारा एक कोविड-19 देखभाल केंद्र के रूप में नामित एक निजी अस्पताल है. यहां ऑक्सीजन के अभाव में चार लोगों की मौत हो गई. सरकार ने ऑक्सीजन की आपूर्ति की समस्या को स्वीकार किया है, लेकिन यह भी जोर दिया है कि मौतों का उस मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं था.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (देवास) डॉ एमपी शर्मा ने कहा है कि हमने एक जांच की.उनके पास (अमलतास अस्पताल) 400 सिलेंडर हैं और वे दैनिक आधार पर लगभग 200 का उपयोग करते हैं. लेकिन मंगलवार रात को भोपाल में वाहन लोड करने में कुछ समस्या आई (जो करीब 160 किमी दूर है) जिसकी वजह संकट खड़ा गया. मौतें ऑक्सीजन की आपूर्ति से संबंधित नहीं है.
बता दें कि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र ने ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति सीमित कर दी है. इंदौर और भोपाल सहित मध्य प्रदेश के 15 जिलों में महाराष्ट्र से इकाइयों के साथ ऑक्सीजन सिलेंडरों की स्थानीय आपूर्ति होती है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने अपने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ यह मुद्दा उठाया था.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने अपने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ यह मुद्दा उठाया था.
शिवराज ने कहा, "ऑक्सीजन की कमी मुझे बहुत चिंतित कर रही थी. मैंने उद्धव ठाकरे से बात की और उनसे अनुरोध किया कि इस मुश्किल समय में सप्लाई बंद न करें. उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि महाराष्ट्र कुछ समस्याओं का सामना कर रहा है." चौहान ने कहा कि वह मध्य प्रदेश को ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 50 टन ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता है, इसे बढ़ाकर 120 टन कर दिया गया. उन्होंने कहा, हम इसे 30 सितंबर तक 150 टन ले जाएंगे.