नई दिल्लीः काले धन के खिलाफ कार्रवाई की कड़ी में आयकर विभाग ने 400 से भी ज्यादा बेनामी लेन-दन का पता लगाया है और 600 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. इनमें बैंक खाते में जमा, जमीन, फ्लैट और गहने शामिल हैं.


विभाग ने ये भी ऐलान किया है कि देश भर में बेनामी लेन-देन पर लगाम के लिए 24 विशेष यूनिट्स (Benami Prohibition Units or BPUs) शुरु किए गए हैं. बेनामी लेन-देन पर लगाम के लिए बेनामी लेन-देन रोक कानून को संसद से मंजूरी के बाद नयी शक्ल दी गयी. सख्ता प्रावधानों के साथ संशोधित कानून 1 नवम्बर 2016 से लागू किया गया. बेनामी संपत्ति में चल-अचल दोनों ही संपत्ति हो सकती है. साबित हो जाने के बाद बेनामी संपत्ति को ना केवल केंद्र सरकार जब्त करती है, बल्कि लेन-देन में शामिल बेनामीदार से लेकर मूल लाभार्थी को 7 साल तक की सजा हो सकती है. जुर्माने के तौर पर बेनामी संपत्ति की बाजार की कीमत के 25 फीसदी के बराबर चुकाना होगा.


विभाग का कहना है कि पहचान किए गए 400 में से 240 मामलों में बेनामी संपत्ति जब्त की गयी है जिन सब की कुल कीमत करीब 600 करोड़ रुपये है. 40 मामलों में 530 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की अचल संपत्ति जब्त की गयी. ये संपत्ति कोलकाता, मुंबई, दिल्ली गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में स्थित हैं.ॉ


एख मामले में जबलपुर में बेनामीदार पाया गया है जिसके नाम करीब 7.7 करोड़ रुपये की जमीन थी. इसका मूल मालिक मध्य प्रदेश की एक लिस्टेड (जिसके शेयरों की खऱीद-फरोख्त शेयर बाजार में होती है) कंपनी का मालिक है और वो बेनामीदार का नियोक्ता था. मुंबई में एक व्यक्ति ने कई खोखा कंपनी के नाम पर अचल संपत्ति जुटा रखी थी. ये कंपनियां सिर्फ कागजों तक ही सीमित थी. इसी तरह सांगनेर (राजस्थान) के एक सर्राफा व्यावसायी ने अपने पुराने कर्मचारी के नाम पर नौ अचल संपत्तियां खड़ी कर ली. कोलकाता में खोखा कंपनियों के नाम पर बनायी गयी कुछ संपत्तियों को जब्त किया गया है.


आय़कर विभाग ने बीते एक महीने के दौरान 10 वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को यहां छापा मारा. हालांकि इस बात का जिक्र नहीं है कि इन अधिकारियों के यहां से क्या-क्या मिला. विभाग का कहना है कि छापेमारी की कार्रवाई का मकसद एक ओर जहां भ्रष्ट तरीके से की गयी काली कमाई को उजागर करना था, वहीं सार्वजनिक जीवन में जवाबदेही और ईमानदारी भी सुनिश्चित करना है.