रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार केंद्र सरकार से पैसे की मांग कर रहे हैं. 30 हजार करोड़ रुपए की मांग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो बार पत्र लिख चुके हैं. अब जो राशि केंद्र के पास से मिली है उसके लिए भी सीएम भूपेश बघेल ने केन्द्रीय कोयला खान मंत्री प्रहलाद जोशी को दोबारा पत्र लिखकर राज्य के कोल ब्लॉकों से वसूल की गई छत्तीसगढ़ के हक की अतिरिक्त लेवी की राशि राज्य हित में उपलब्ध कराई जाने का आग्रह किया है.


मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से निर्मित परिस्थिति एवं राज्य सरकार की ओर से कोरोना की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के 8 पूर्व कोल ब्लॉक आबंटितियों से कोयला खानों से निकाले गए कोयले के एवज में वसूल की गई 4140.21 करोड़ रुपए से अधिक की अतिरिक्त लेवी की राशि को राज्य हित में तत्काल उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध किया है.

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय कोयला खान मंत्री प्रहलाद जोशी को प्रेषित अपने पत्र में बीते 23 जनवरी को भेजे गए अपने पत्र का भी उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश के निरस्त किए गए कोल ब्लॉकों में से कुल 8 पूर्व कोल ब्लॉक आबंटितियों से कोयला खानों से निकाले गए.

कोयले के एवज में 295 रुपए प्रति मीट्रिक टन की दर से राशि भारत सरकार के कोयला खान मंत्रालय की ओर से अतिरिक्त लेवी के रूप में जमा कराई गई है. जो लगभग 4140.21 करोड़ रुपए से भी अधिक है. इस राशि को राज्य हित में देने का आग्रह किया गया था, परंतु आज पर्यन्त भारत सरकार कोयला मंत्रालय की ओर से इस संबंध में की गई कार्रवाई की जानकारी प्राप्त नहीं हुई है.

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में भारत सरकार कोयला मंत्रालय की ओर से 27 अगस्त 2015 के पत्र के संबंध में राज्य सरकार के मत का उल्लेख करने के साथ ही इस संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय की ओर से पारित आदेश का उल्लेख करते हुए कहा है कि निर्धारित व वसूल की गई अतिरिक्त लेवी अंततः राज्य सरकार को देय होनी चाहिए.

मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद के विभिन्न प्रावधानों, खान एवं खनिज अधिनियम 1951, खनिज रियायत नियम 2016 के नियमों एवं छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों का भी अपने पत्र में विस्तार से उल्लेख करते हुए कहा है कि राज्य सरकार का स्वामित्व होने तथा खनिजों पर राज्य शासन के पक्ष में रॉयल्टी, लेवी एवं अन्य कर वसूलने का प्रावधान है.

मुख्यमंत्री ने कहा है कि संविधान में उल्लेखित प्रावधानों तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित विभिन्न आदेशों से यह स्पष्ट है कि पूर्व कोल ब्लॉक आबंटितियों से 295 रूपए प्रति मीट्रिक टन की दर से भारत सरकार कोयला मंत्रालय द्वारा जमा कराई गई अतिरिक्त लेवी की राशि छत्तीसगढ़ राज्य शासन के हक की राशि है.

मुख्यमंत्री ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश सहित छत्तीसगढ़ में बीते डेढ़ माह से लॉकडाउन है. कोरोना महामारी से छत्तीसगढ़ राज्य भी प्रभावित है. राज्य में इसकी रोकथाम के लिए कई सुरक्षात्मक उपाय लागू किए गए हैं. जिसके फलस्वरूप प्रदेश में कोरोना वायरस के केवल 59 व्यक्ति अब तक संक्रमित पाए गए हैं. जिसमें से 43 व्यक्ति स्वस्थ्य हो चुके हैं.  वर्तमान में 16 संक्रमितों का इलाज चल रहा है.

कोरोना संक्रमण की रोकथाम, प्रदेश के मजदूरों के पलायन की स्थिति को रोकने और अन्य प्रदेशों में छत्तीसगढ़ राज्य के रह रहे श्रमिकों के स्वास्थ्य एवं खाद्यान्न की आपूर्ति एवं भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार लोगों के आवागमन की व्यवस्था के तत्कालिक कार्य कराए जा रहें हैं.

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा है कि राज्य शासन के हक की अतिरिक्त लेवी राशि उपलब्ध कराए जाने से वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं इससे उत्पन्न स्थिति से प्रदेश की जनता के हित में और अधिक मजबूती से कार्य किया जा सकेगा. मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय कोयला खान मंत्री से अतिरिक्त लेवी की राशि लगभग 4140.21 करोड़ रुपए को राज्य हित में यथाशीघ्र उपलब्ध कराए जाने की कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.

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