नई दिल्ली: दिल्ली में रानी झांसी रोड पर चार मंजिला फैक्ट्री में रविवार सुबह लगी भीषण आग में 43 मजदूरों की मौत हो गई और 20 से ज्यादा घायल हैं. पुलिस ने इस भीषण अग्निकांड में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें फैक्ट्री के मालिक रेहान और उसका मैनेजर फुरकान शामिल है. इन दोनों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती जांच के मुताबिक आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी.


मृतकों में 34 के शव एलएनजेपी हॉस्पिटल में है और 9 के लेडी हार्डिंग में है. शवों का पोस्टमार्टम आज होगा. इसके बाद परिवार वालों को शव सौप दिये जाएंगे. एलएनजेपी में जो 34 शव लाये गये थे उनमें से 28 की पहचान हो चुकी है. इसके अलावा एलएनजेपी में जो 16 घायलों का इलाज चल रहा है उनमें दो दमकल विभाग के कर्मचारी भी है. भीषण अग्निकांड में 43 लोगों की जान जाने के बाद बड़ा सवाल है कि आखिर इस हादसे का जिम्मेदार कौन है?


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फायर ब्रिगेड के अधिकारियों के मुताबिक अनाजमंडी इलाके में आग लगने की जानकारी सुबह पांच बजकर 22 मिनट पर मिली जिसके बाद दमकल की 30 गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया. उन्होंने बताया कि 150 दमकल कर्मियों ने बचाव अभियान चलाया और 63 लोगों को इमारत से बाहर निकाला. फायर सर्विस के चीफ अतुल गर्ग ने बताया कि बिल्डिंग को डीएसएफ की ओर से फायर क्लीयरेंस नहीं दिया गया था.'' एक अन्य अधिकारी के मुताबिक फैक्ट्री के पास दमकल विभाग का एनओसी नहीं था. इलाके के तंग होने की वजह से बचाव अभियान में दिक्कत आई और दमकल कर्मी खिड़कियां काट कर इमारत में दाखिल हुए.


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सूत्रों के मुताबिक यह फैक्ट्री 600 गज की है, तीन सगे भाई रेहान, शान व इमरान इसके मालिक हैं. तीनो भाई बाड़ा हिंदू राव में रहते है. पुलिस का ये भी कहना है कि एक बड़ा हिस्सा खुद रेहान के पास भी था, बाकी उसने किराये पर दिया था. आग रेहान की फैक्ट्री से शुरू हुई थी. मामले की जांच क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर की गई है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और फॉरेंसिंक की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर सैम्पल्स उठाये हैं, जिससे आग की असली वजहों का पता चल सके. दिल्ली सरकार ने भी घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिये हैं.


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दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने आग लगने की घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और झुलसे लोगों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा देने का एलान किया. प्रधानमंत्री मोदी ने भी घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के परिवारों के लिए 2-2 लाख रुपए और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपए का मुआवजा देने का एलान किया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटना में बिहार के मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख रूपये श्रम विभाग की तरफ से और एक-एक लाख रूपये मुख्यमंत्री राहत कोष से देने की घोषणा की है.


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