भारत में साल 2023 को चुनावी साल के तौर पर देखा जा रहा है. इस साल देश में दक्षिण, पूर्वोत्तर से लेकर उत्तर के राज्यों तक में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. पूर्वोत्तर के कई राज्यों में चुनाव हो चुके है, परिणाम भी आ चुका है लेकिन अभी भी कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री कौन हैं, उनकी औसत संपत्ति कितनी है जैसे कई सवाल एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं.
दरअसल 12 अप्रैल को एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी ADR की रिपोर्ट आई है. इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और नेशनल इलेक्शन वॉच ने देश के 30 मुख्यमंत्रियों के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है. जिसके अनुसार भारत के 30 मुख्यमंत्रियों में से 29 मुख्यमंत्री करोड़पति हैं और इनकी औसतन संपत्ति 33.96 करोड़ रुपये है. जबकि 43 फीसदी मुख्यमंत्रियों पर आपराधिक मामला दर्ज हैं.
सबसे ज्यादा संपत्ति वाले मुख्यमंत्री
रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा संपत्ति आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के पास है. दरअसल मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने 510 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति की घोषणा की है. दूसरे स्थान पर सबसे ज्यादा संपत्ति वाले मुख्यमंत्री हैं अरुणाचल प्रदेश सीएम पेमा खांडू. उन्होंने कुल 163 करोड़ रुपये की संपत्ति की घोषणा की है. वहीं तीसरे स्थान पर हैं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक. उन्होंने कुल संपत्ति 63 करोड़ रुपये की घोषणा की है.
सबसे कम संपत्ति वाले मुख्यमंत्री
वहीं सबसे कम संपत्ति पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की है. यानी ममता बनर्जी की कुल संपत्ति 15 लाख रुपये हैं. दूसरे स्थान पर हैं केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन. उनकी कुल संपत्ति 1.18 करोड़ है. तीसरे स्थान पर सबसे कम संपत्ति वाले मुख्यमंत्री में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर का नाम है. इनकी कुल संपत्ति 1.27 करोड़ रुपये हैं.
योगी की संपत्ति में चार साल में लगभग 59 लाख रुपए की वृद्धि
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बात करें तो रिपोर्ट के अनुसार उनके पास वर्तमान में 1.55 करोड़ रुपए की संपत्ति है. साल 2022 में गोरखपुर शहर विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल करते वक्त उन्होंने अपनी कुल संपत्ति की घोषणा की थी. बता दें कि योगी आदित्यनाथ की संपत्ति में पिछले चार साल में लगभग 59 लाख रुपए की बढ़त हुई है.
जब वह एमएलसी चुने गए थे उस वक्त उनकी संपत्ति 95.98 लाख रुपए थी जो वर्तमान के समय में 1.54 करोड़ हो गई है. पिछले लोकसभा चुनाव की बात करें तो साल 2014 में सांसद रहते हुए योगी आदित्यनाथ की कुल संपत्ति 72.17 लाख रुपए थी.
ADR के मुताबिक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास 3-3 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति है.
करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन अपने पड़ोसी राज्य बिहार और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री से भी कई ज्यादा अमीर हैं. दरअसल, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास कुल संपत्ति 8,51, 74, 195 रुपये हैं. साथ ही 2.50 लाख रुपये की उनकी देनदारी भी है.
हेमंत सोरेन ने साल 2019 में जो शपथ पत्र दाखिल किया था, उसमें बताया था कि वह 12वीं तक पढ़े हैं. उनकी व्यक्तिगत आय 13.37 लाख रुपये है. उन्होंने अपना पेशा राजनीति और सामाजिक गतिविधि बताया.
हेमंत सोरेन के पास मोटर व्हीकल के नाम पर दो कार हैं जिसमें से एक टाटा सफारी है. वहीं उनकी पत्नी के नाम पर मारुति क्लॉज और 34 लाख रुपये की ज्वैलरी है. हेमंत सोरेन के पास 22 लाख की गैर कृषि योग्य जमीन भी है इसके अलावा उनके पास 75 लाख की रेजिडेंशियल बिल्डिंग है. वहीं हेमंत सोरेन की पत्नी के नाम पर 4 करोड़ 87 लाख रुपये की तीन कमर्शियल बिल्डिंग है.
रिपोर्ट के मुताबिक 11 राज्य ऐसे भी हैं जहां भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री हैं और वो सभी करोड़पति हैं. कांग्रेस के छत्तीसगढ़, राजस्थान और हिमाचल में मुख्यमंत्री हैं. इनमें छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के पास सबसे ज्यादा 23 करोड़ रुपये की संपत्ति है.
किस मुख्यमंत्री के पास कितना पैसा
मुख्यमंत्री | राज्य |
कुल संपत्ति
|
जगन मोहन रेड्डी | आंध्र प्रदेश |
510 करोड़
|
पेमा खांडू | अरुणाचल प्रदेश |
163 करोड़
|
नवीन पटनायक | ओडिशा |
63 करोड़
|
नेफियू रियो | नागालैंड |
46 करोड़
|
एन रंगासामी | पुडुचेरी |
38 करोड़
|
के चंद्रशेखर राव | तेलंगाना |
23 करोड़
|
भूपेश बघेल | छत्तीसगढ़ |
23 करोड़
|
हिमंत बिस्वा सरमा | असम |
17 करोड़
|
कोनराड संगमा | मेघालय |
15 करोड़
|
माणिक साहा | त्रिपुरा |
13 करोड़
|
एकनाथ शिंदे | महाराष्ट्र |
11 करोड़
|
प्रमोद सावंत | गोवा |
9 करोड़
|
बसवराज बोम्मई | कर्नाटक |
8 करोड़
|
एमके स्टालिन | तमिलनाडु |
8 करोड़
|
हेमंत सोरेन | झारखंड |
8 करोड़
|
भूपेंद्र पटेल | गुजरात |
8 करोड़
|
सुखविंदर सिंह | हिमाचल प्रदेश |
7 करोड़
|
शिवराज सिंह चौहान | मध्य प्रदेश |
7 करोड़
|
अशोक गहलोत | राजस्थान |
6 करोड़
|
पुष्कर सिंह धामी | उत्तराखंड |
4 करोड़
|
प्रेम सिंह तमांग | सिक्किम |
3 करोड़
|
ज़ोरमथांगा | मिजोरम |
3 करोड़
|
अरविंद केजरीवाल | दिल्ली |
3 करोड़
|
नीतीश कुमार | बिहार |
3 करोड़
|
भगवंत मान | पंजाब |
1 करोड़
|
योगी आदित्यनाथ | उत्तर प्रदेश |
1 करोड़
|
एन बिरेन सिंह | मणिपुर |
1 करोड़
|
मनोहर लाल खट्टर | हरियाणा |
1 करोड़
|
पिनाराई विजयन | केरल |
1 करोड़
|
ममता बनर्जी | पश्चिम बंगाल |
15 लाख
|
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार देश 37 प्रतिशत मुख्यमंत्री ग्रेजुएट हैं
अरविंद केजरीवाल: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपनी 9वीं और 10वीं की पढ़ाई हिसार के एचएयू में स्थित कैंपस स्कूल से किया है. वहीं 12वीं की पढ़ाई उन्होंने हिसार के डीएन कॉलेज से पूरी की है. वहीं उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से मकैनिकल इंजिनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की.
योगी आदित्यनाथ: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी 10वीं की पढ़ाई उत्तराखंड के टिहरी से की है. 11वीं और 12वीं की पढ़ाई ऋषिकेश के श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज से की. इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने हेमवती नंनद बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में बीएससी की डिग्री हासिल की है.
नीतीश कुमार: बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बी.टेक तक की पढ़ाई की है. उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई अपने ही गांव बख्तियारपुर से की. साल 1972 में उन्होंने बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रिकल ट्रेड से बी.टेक की पढ़ाई की. इस संस्थान का दूसरा नाम एनआईटी पटना है.
हेमंत सोरेन: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने अपनी हाईस्कूल और इंटर की पढ़ाई पटना से की थी. चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे के मुताबिक, हेमंत सोरेन ने रांची के बीआईटी मेसरा में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया था हालांकि पारिवारिक कारणों की वजह से उन्हें अपनी पढ़ाई बीच से छोड़नी पड़ी थी.
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार 20 मुख्यमंत्रियों में से 1 सीएम ने 10वीं तक की पढ़ाई की है. 3 मुख्यमंत्री 12वीं पास हैं. 11 मुख्यमंत्रियों ने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है. 9 मुख्यमंत्रियों ने पोस्ट ग्रेजुएशन, 1 ने डिप्लोमा और एक ने डॉक्टरेट की पढ़ाई की है.
कौन है सबसे युवा मुख्यमंत्री
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार 30 मुख्यमंत्रियों में सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू. उनकी उम्र 39 साल है. जबकि सबसे उम्रदराज मुख्यमंत्री हैं केरल के सीएम पिनराई विजयन. उनकी उम्र 77 साल है.
30 में से 13 मुख्यमंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार देश के 30 मुख्यमंत्रियों में से 13 सीएम पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. सबसे ज्यादा मामला तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव पर दर्ज किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक उन पर 101 आपराधिक मामले दर्ज हैं.
वहीं तमिलनाडु के सीएम एम.के.स्टालिन पर 57, आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी पर 73, एकनाथ शिंदे पर 19, केजरीवाल पर 16. हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह पर 5, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल पर 3, हेमंत सोरेन पर 3 आपराधिक मामले दर्ज है.
इसके अलावा मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा पर 5 आपराधिक मामले, केरल के सीएम पिनराई विजयन पर 4, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग पर 2, बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर 3 और पंजाब के सीएम भगवंत मान पर 2 आपराधिक मामले दर्ज है.
उत्तर प्रदेश में आधे विधायकों के खिलाफ दर्ज हैं आपराधिक मामले
वहीं चुनावी सुधारों के लिए काम करने वाली निजी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के इसी रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के कुल 403 विधायकों में से 205 यानी 51 फीसदी विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इतना ही नहीं 403 विधायकों में से 158 यानी 39 फीसदी विधायकों के खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश, बलात्कार, अपहरण आदि जैसे गंभीर आपराधिक मामले भी दर्ज हैं.
राज्य में जिन पांच विधायकों के खिलाफ हत्या के मामले दर्ज थे. उनमें से तीन विधायक समाजवादी पार्टी में और दो भारतीय जनता पार्टी के हैं.
गंभीर आपराधिक मामले वाले विधायकों संख्या सबसे ज्यादा बीजेपी के पार्टी की ही है. कुल आपराधिक मामलों वाले विधायकों में भारतीय जनता पार्टी के 90 विधायक है, समाजवादी पार्टी में 48 विधायक, कांग्रेस में दो और बहुजन समाजवादी पार्टी में के एक विधायक हैं.
वहीं कई विधायक ऐसे भी हैं जिनके दो से ज्यादा मामले दर्ज हैं. कुछ विधायकों के खिलाफ को 10 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. एक ऐसे भी विधायक हैं जिसके खिलाफ 87 आपरोधिक मामले दर्ज हैं.