नई दिल्ली: देश में 43 हजार स्कूलों में पीने के पानी की सुविधा नहीं है और करीब 38 हजार से अधिक स्कूलों में बालिकाओं के लिये शौचालय की व्यवस्था नहीं है. लोकसभा में सोमवार को एक सवाल के जवाब में पेश आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है.


मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पेश किया आकड़ा


मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से पेश 2016-17 के अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, देश में विभिन्न राज्यों में 46,591 स्कूलों में बालकों के लिये शौचालय नहीं हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में जिन 43,074 स्कूलों में पेयजल सुविधा नहीं है, उनमें से सबसे अधिक 8,522 स्कूल असम में हैं.


पीने के पानी की सुविधा विहीन स्कूलों में आंध्रप्रदेश में 3177, बिहार में 4270, जम्मू कश्मीर में 2158, मध्यप्रदेश में 5529, झारखंड में 1840, मेघालय में 5208, राजस्थान में 2627, उत्तरप्रदेश में 3368 और पश्चिम बंगाल में 1520 स्कूल शामिल हैं.


दूसरी ओर, जिन 46591 स्कूलों में बालकों के लिये शौचालय की व्यवस्था नहीं है, उनमें से सबसे अधिक 13,503 असम में है. बालकों के लिए शौचालय विहीन स्कूलों में बिहार में 9471, जम्मू कश्मीर में 1379, कर्नाटक में 1519, मध्यप्रदेश में 5975, महाराष्ट्र में 1583, मेघालय में 1933, ओडिशा में 2484, राजस्थान में 1061 और पश्चिम बंगाल में 2142 स्कूल शामिल हैं.


देश में 37956 स्कूलों में बालिकाओं के लिये अलग शौचालय की व्यवस्था नहीं


देश में 37956 स्कूलों में बालिकाओं के लिये अलग शौचालय की व्यवस्था नहीं है. इस लिस्ट में असम के सबसे अधिक 11839 स्कूल शामिल हैं. बालिका शौचालय विहीन स्कूलों में बिहार में 8361 स्कूल, जम्मू कश्मीर में 911, झारखंड में 866, मध्यप्रदेश में 4914, महाराष्ट्र में 1063, मेघालय में 2314, ओडिशा में 1238 और पश्चिम बंगाल में 1521 स्कूल शामिल हैं.


लोकसभा में किसने पूछा प्रश्न


लोकसभा में मानशंकर निनामा, अजय मिश्रा टेनी और डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने इस मामले को लकर प्रश्न लिखा था. प्रश्न के लिखित उत्तर में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डा. सत्यपाल सिंह ने बताया कि देश भर के सभी केंद्रीय विद्यालयों और जवाहर नवोदय विद्यालयों में छात्रों एवं छात्राओं के लिये स्वच्छ जल और स्वच्छ शौचालय सुविधा है. उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के नियमों में निर्धारित मानकों में विद्यालयों में पेयजल सुविधा और शौचालय सहित स्कूल अवसंरचना प्रदान करने की बात कही गई है जिसे उपयुक्त सरकारें अपने अपने राज्य में कार्यान्वित करेंगी.


मंत्री ने कहा कि 2017-18 तक तत्कालीन सर्व शिक्षा अभियान और 2018-19 से प्रभावी समग्र शिक्षा के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रारंभिक शिक्षा के लिये 3.99 लाख शौचालयों, 5.22 लाख अलग से छात्राओं के लिये शौचालयों और 2.40 लाख पेयजल सुविधाओं के निर्माण को मंजूरी दी गई है.


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