Fake Job Racket: म्यांमार में फंसे 45 भारतीयों को विदेश मंत्रालय ने किया रेस्क्यू, फर्जी जॉब रैकेट का मामला
भारतीय विदेश मंत्रालय ने म्यांमार में फंसे 45 भारतीयों को रेस्क्यू कर लिया है. ये सभी आज तमिलनाडु पहुंच गए हैं. एक हफ्ते पहले ही विदेश मंत्रालय ने इसको लेकर एडवाइजरी जारी की थी.
Myanmar Fake Job Racket: विदेश मंत्रालय ने म्यांमार (Myanmar) में फंसे कई भारतीयों को रेस्क्यू किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बुधवार को बताया, "हम म्यांमार में भारतीयों के फर्जी नौकरी रैकेट में फंसने के मामले को सक्रिय रूप से देख रहे हैं. लगभग 32 भारतीयों को पहले ही बचाया जा चुका है. वहीं अब 13 और भारतीय नागरिकों को बचाया गया है, जो आज तमिलनाडु पहुंच गए हैं."
अरिंदम बागची ने बताया कि कई भारतीय नागरिकों को म्यांमार में फर्जी नौकरी रैकेट चलाने वाले लोगों से मुक्त करवाया गया है और वे उस देश में अवैध प्रवेश के लिए म्यांमार के अधिकारियों की हिरासत में हैं. उन्हें जल्द से जल्द वापस लाने के लिए कानूनी औपचारिकताएं शुरू कर दी गई हैं.
MEA ने जारी की थी एडवाइजरी
गौरतलब है कि अभी एक हफ्ते पहले ही विदेशों में आईटी सेक्टर की फर्जी नौकरियों (Fake Jobs in IT Sector) को लेकर भारत सरकार (GOI) ने युवाओं को आगाह किया था. थाईलैंड (Thailand) में नौकरी का झांसा देकर धोखे से म्यांमार ले जाए गए 100 से ज्यादा भारतीयों (Indians) का मामला सामने आने के बाद विदेश मंत्रालय (MEA) ने एडवाइजरी (Advisory) जारी कर लोगों से सतर्क रहने के लिए कहा है.
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि बीते दिनों ऐसे कई मामले सामने आए, जिनमें भारत से आईटी क्षेत्र में काम करने वाले युवाओं को धोखा देकर म्यांमार पहुंचाया गया. बेहद खराब हालात और तनावपूर्ण माहौल में वहां साइबर ठगी के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों ने उनका इस्तेमाल किया.
तमिलनाडु के सीएम लिख चुके हैं पीएम मोदी को चिट्ठी
बता दें कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) ने म्यांमार में 'अवैध रूप से बंधक' बनाए गए भारतीयों को बचाने और वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) से हस्तक्षेप करने की मांग की थी. उन्होंने दावा किया था कि इन भारतीयों से जबरन अवैध कार्य कराए जा रहे हैं.
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