नई दिल्ली: देश में जानलेवा कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ रही है. हालांकि कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट ने चिंता बढ़ा दी है. सरकार ने आज बताया कि 45000 नमूनों की जांच में कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के 48 मामले सामने आए हैं और उनमें से सबसे अधिक 20 महाराष्ट्र के हैं. अब तक 11 राज्यों में डेल्टा प्लस वेरिएंट की पुष्टि हुई है.


स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, डेल्टा प्लस वेरिएंट के मध्य प्रदेश में सात, महाराष्ट्र में 20, पंजाब में दो, गुजरात में 2, केरल में तीन, तमिलनाडु में नौ, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, जम्मू, कर्नाटक में एक एक मामले आए हैं.


डेल्टा प्लस वेरिएंट सबसे पहले भारत में पाए गए डेल्टा वेरिएंट का ही बदला स्वरूप है. जिसे कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है. आज ही सरकार ने कहा कि भारत में कोविड-19 के 90 फीसद मामले डेल्टा वेरिएंट (बी.1.617.2) के हैं.


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पैंतीस राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के 174 जिलों में चिंताजनक कोविड स्वरूप के मामले पाये गए हैं. इनमें से सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और गुजरात में मिले हैं. मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 के चिंताजनक स्वरूप के मामलों का अनुपात मई, 2021 के 10.31 फीसद से बढ़कर जून, 2021 में 51 फीसद हो गया.


स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 के दोनों ही टीके (कोविशील्ड एवं कोवैक्सीन) कोरोना के अल्फा, बीटा, गामा एवं डेल्टा स्वरूपों के विरूद्ध काम करते हैं.


मंत्रालय ने कहा कि भारत में कोविड की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है, अब भी 75 जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण की दर 10 फीसद से अधिक और 92 जिलों में 5-10 फीसद के बीच है.


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