श्रीनगरः सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज से जम्मू-कश्मीर में 4G सेवाएं बहाल करने की प्रक्रिया शुरु हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में राज्य प्रशासन ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के दो जिलों में प्रायोगिक तौर पर ये सेवाएं शुरु करेंगे जिनमे एक जिला जम्मू और एक कश्मीर क्षेत्र से होगा. जम्मू-कश्मीर में कुल 20 जिले है और यहां पर 4 अगस्त 2019 से 4G सेवाएं बंद हैं.


जम्मू-कश्मीर में 4G इंटरनेट सेवाएं बहाल करने की मांग को लेकर फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफेशनल्स नाम की संस्था की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. इसमें कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट की सही सुविधा नहीं होने के कारण डॉक्टर कोविड-19 के इलाज को लेकर दुनिया भर में हो रही गतिविधियों की जानकारी हासिल नहीं कर पा रहे हैं.कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान जिन मरीजों का घर से निकलना मुश्किल है, वह 4G इंटरनेट न होने के चलते डॉक्टरों से मशवरा भी नहीं ले पा रहे हैं.


 वहीं, कुछ निजी स्कूलों की तरफ से कहा गया था कि देश भर में बच्चे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पढ़ाई कर रहे हैं. लेकिन धीमी स्पीड के 2G इंटरनेट के चलते जम्मू-कश्मीर के बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. शिक्षा का अधिकार मौलिक अधिकार है. इसलिए कोर्ट मामले में दखल दे.


एक साल से बंद हैं 4G सेवाएं
जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटने के फैसले से एक दिन पहले यानि 4 अगस्त 2019 से 4G सेवाएं बंद हैं. ब्रॉडबैंड और 2G सेवाएं जनवरी महीने में दोबारा शुरू की गईं लेकिन हाई स्पीड इंटररनेट पर प्रतिबंध जारी रखा गया.


गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के बीएसएनएल सबसे बड़ा ब्रॉडबैंड सेवाएं देने वाला सर्विस प्रोवाइडर है और इसके जम्मू कश्मीर में 45 हजार सब्सक्राइबर हैं. जबकि प्रदेश में प्री-पेड और पोस्ट पेड मोबाइल कि संख्या 70 लाख है और प्रतिबंध लगने से पहले यह सब हाई स्पीड का इस्तेमाल करते रहे हैं.


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