India Presidential Election: केंद्रीय चुनाव आयोग (Central Election Commission) ने राष्ट्रपति चुनावों (Presidential Elections) के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है. केंद्रीय चुनाव आयोग ने जो शेड्यूल जारी किया है उसके मुताबिक 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होगा और 21 तारीख को मतगणना होगी. राष्ट्रपति पद का चुनाव तब होगा जब उम्मीदवार (Candidate) एक से ज्यादा होंगे और चुनाव की नौबत आएगी. 18 जुलाई को अगर राष्ट्रपति चुनावों के लिए मतदान की जरूरत पड़ी तो इसमें लोकसभा (Lok Sabha), राज्यसभा (Rajya Sabha) और विधानसभा (Vidhan Sabha) के सदस्य हिस्सा लेंगे और 21 जुलाई को मतगणना (Counting Of Votes) होगी,  जिसके बाद देश के नए राष्ट्रपति के नाम की घोषणा की जाएगी.


चुनाव आयोग देगा मतदाताओं को पेन
चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डालने वाले सांसदों और विधायकों के लिए नियम भी जारी कर दिए. वोट देने वाले मतदाताओं को चुनाव आयोग अपनी तरफ से एक पेन मुहैया कराएगा, ये पेन रिटर्निंग ऑफिसर के पास मौजूद रहेगा. मतदान केंद्र में यह पेन मतदाताओं को मतपत्र सौंपते समय दिए जाएंगे. अगर मतदाताओं ने वोट चिह्नित करने के लिए किसी और पेन का इस्तेमाल किया तो मतगणना के समय उनका वोट अवैध करार दे दिया जाएगा.




प्रथम चुनाव चिह्नित करना होगा जरूरी
मतदाताओं को उम्मीदवारों की संख्या के आधार पर वरीयता के आधार पर पसंद का मतदान करना होगा. मतदाताओं ने अगर अपना प्रथम चुनाव चिह्नित नहीं किया और बाकी चुनावों पर चिह्न लगाए तो यह वोट अवैध माना जाएगा. यानी पहली पसंद का भरना ज़रूरी होगा.


किस-किस को है वोट डालने का अधिकार



  • संसद के दोनों सदनों (लोकसभा, राज्यसभा) के सदस्य

  • राज्यों की विधानसभाओं के सदस्य

  • राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और संघ शासित प्रदेश पुडुचेरी के विधानसभा के सदस्य


राष्ट्रपति पद के लिए होता है अप्रत्यक्ष चुनाव?
भारत में राष्ट्रपति का चुनाव सीधे जनता के वोटों से तय नहीं होता. बल्कि जनता के चुने हुए प्रतिनिधि यानी की सांसदों और विधायकों के वोटों से राष्ट्रपति का चुनाव होता है. इसीलिए इसको अप्रत्यक्ष चुनाव भी कहते हैं.


राष्ट्रपति चुनाव में संसद में नामित सदस्य और विधान परिषदों के सदस्य वोट नहीं डाल सकते हैं, क्योंकि ये जनता द्वारा सीधे नहीं चुने जाते हैं.


सांसदों और विधायकों के वोट का वेटेज अलग-अलग
वोट डालने वाले सांसदों (MPs) और विधायकों (MLAs) के वोट का वेटेज (Weightage) अलग-अलग होता है. अलग अलग राज्यों के विधायकों के वोटों का वेटेज भी अलग होता है. यह वेटेज जिस तरह तय किया जाता है, उसे आनुपातिक प्रतिनिधित्व व्यवस्था कहते हैं. वर्तमान में देश के राज्यों (States)के सभी विधायकों के वोट का वैल्यू 5 लाख 43 हजार 231 है. वहीं, लोकसभा के सांसदों का कुल वैल्यू 5 लाख 43 हजार 200 है.


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